Dausa News: दौसा जिला में इस बार मानसून की बारिश का औसत पहले के मुकाबले दुगना रहा, तो लोगों को पानी की किल्लत से तो राहत मिली, लेकिन जगह-जगह बारिश का पानी जमा होने से मौसमी बीमारियों का जिले में भारी प्रकोप है. अस्पतालों के आउटडोर की बात करें तो पूर्व के मुकाबले इस समय दोगुना है. अस्पताल खुलने से पहले ही मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं. वहीं, जिले में डेंगू की स्थिति भी भयावह होती जा रही है. जिले का रामगढ़ पचवारा क्षेत्र पूरी तरह से डेंगू की चपेट में आ चुका है.
तीन दर्जन से अधिक लोग हैं पीड़ित
सूत्रों की मानें तो पचवारा क्षेत्र में तीन दर्जन से अधिक लोग डेंगू से पीड़ित हैं, जिसमें उप जिला अस्पताल रामगढ़ पचवारा के भी पांच कार्मिक शामिल हैं. वहीं, पूर्व में रामगढ़ पचवारा उप जिला अस्पताल की डॉक्टर ज्योति मीना की भी डेंगू से मौत हो चुकी है. वहीं, एक स्थानीय निवासी महिला रुकसाना बानो भी डेंगू के चलते काल का ग्रास बनी हैं. स्वास्थ्य महकमे की व्यवस्थाओं को लेकर रामगढ़ पचवारा के लोग प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि अस्पताल में डेंगू की रोकथाम को लेकर कोई खास व्यवस्था नहीं है. पूर्व में विधायक भी यहां औचक निरीक्षण कर चुके हैं. जिनके सामने भी कई खामियां आई थी. लेकिन उसके बावजूद भी यहां की व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ.
मरीजों को झेलनी पड़ रही हैं परेशानियां
लिहाजा मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. लोगों का कहना है जगह-जगह बारिश का पानी जमा है. ऐसे में बढ़ती मौसमी बीमारियों को लेकर फागिंग होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक वह भी यहां नहीं की गई है, जिसके चलते घर-घर में लोग बीमार हैं लेकिन जिम्मेदारों को कोई परवाह नहीं. वहीं, क्षेत्र में फॉगिंग को लेकर उप जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी शिवचरण मीणा का कहना है कि हमने नगर पालिका के लिए पत्र लिखा है और यह उनकी जिम्मेदारी है. जब नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी मोनिका सोलंकी से बात की तो उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनके पास ऐसा किसी भी तरह का कोई पत्र नहीं आया है, लेकिन फिर भी हम अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए फागिंग करवा रहे हैं.