मानसून से पहले पानी को लेकर डीएम की अनोखी पहल, सफाई अभियान पूरा करना लक्ष्य
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मानसून से पहले पानी को लेकर डीएम की अनोखी पहल, सफाई अभियान पूरा करना लक्ष्य

दौसा कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने जिले के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिले इसके लिए प्राचीन काल के बने हुए परंपरागत जल स्रोतों की श्रमदान के माध्यम से साफ सफाई का बीड़ा उठाया है. जिला मुख्यालय से 29 जून को अभियान शुरू कर एनीकट की सफाई की गई तो वही आज भांकरी ग्राम पंचायत क्षेत्र के बालाजी मंदिर परिसर में बनी प्राचीन बावड़ी की ग्रामीणों के सहयोग से श्रमदान कर सफाई की गई. 

 परंपरागत जल स्रोतों की श्रमदान के माध्यम से साफ सफाई का बीड़ा उठाया.

Dausa:राजस्थान का यह जिला पिछले लंबे समय से डार्क जोन की श्रेणी में है जिसके चलते यहां पानी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. हालात यह है कि शहर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी पानी का संकट खड़ा हो गया है. लोग पेयजल के लिए दूर-दूर तक भटकते हैं तब कहीं जाकर उन्हें पानी नसीब हो रहा है. हालांकि सरकारी स्तर पर दौसा जिला प्रशासन हर मुमकिन कोशिश कर लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाने का काम कर रहा है. लेकिन जब पानी की उपलब्धता ही नहीं हो तो प्रशासन भी जिले के लोगों को पानी कहां से मुहैया करवाएं यह प्रशासन के सामने भी बड़ी चुनौती बना हुआ है.

आमजन भी जुड़ रहे कलेक्टर की मुहिम से
ऐसे में दौसा कलेक्टर कमर उल जमान चौधरी ने जिले के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिले इसके लिए प्राचीन काल के बने हुए परंपरागत जल स्रोतों की श्रमदान के माध्यम से साफ सफाई का बीड़ा उठाया है. जिला मुख्यालय से 29 जून को अभियान शुरू कर एनीकट की सफाई की गई तो वही आज भांकरी ग्राम पंचायत क्षेत्र के बालाजी मंदिर परिसर में बनी प्राचीन बावड़ी की ग्रामीणों के सहयोग से श्रमदान कर सफाई की गई. इस दौरान कलेक्टर कमर चौधरी ने गेंती और फावड़े चलाएं साथ ही बावड़ी के कचरे को परातो में भर भर कर बहार फेंका गया. ग्रामीणों ने पूरा सहयोग किया जिसके चलते करीब 2 फीट गहरी बावड़ी की साफ सफाई की गई.

मानसून से पहले सफाई अभियान पूरा करना लक्ष्य
कलेक्टर कमर चौधरी ने कहा दौसा जिला विगत लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहा है. ऐसे में हमारा प्रयास है बारिश के जल का अधिक से अधिक संरक्षण हो, जिससे आसपास के कुंए हैंड पंप बोरिंग रिचार्ज होंगे. इसके चलते हद तक लोगों को पानी की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा. हालांकि पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार अपने स्तर पर हर मुमकिन प्रयास कर रही है, लेकिन मानसून आने वाला है और इस मानसून से पहले जिले के सभी परम्परागत जल स्रोतों की श्रमदान के माध्यम से साफ सफाई करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे बारिश के दौरान अधिक से अधिक जल का संरक्षण किया जा सके.

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श्रमदान के माध्यम से की जा रही सफाई
कलेक्टर कमर चौधरी ने आमजन से भी यह आह्वान किया है कि वह बारिश के दौरान अपने मकान की छत का पानी हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्यम से जमीन में या घर मे लगे बोरिंग कुंए और हेंडपम्पो में पहुंचाए, जिससे भू जल का स्तर बढ़ सके. डीएम कमर चौधरी की मुहिम का जिले वासियों पर असर होता हुआ भी दिखाई दे रहा है, जहां एक और लोग कलेक्टर की श्रमदान मुहिम से जुड़ रहे हैं तो वही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के प्रति भी सजग दिखाई दे रहे हैं.

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Report- LAXMI AVATAR SHARMA

 

 

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