..जब घूंघट में कबड्डी खेलने उतरी घरों की बहुएं.. मैदान पर पूरे गांव ने बजाईं तालियां
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..जब घूंघट में कबड्डी खेलने उतरी घरों की बहुएं.. मैदान पर पूरे गांव ने बजाईं तालियां

राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल ने प्रदेश में खेलों के प्रति जागरूकता कई गुणा बढ़ा दिया है. इस खेल ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और लड़कियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है.

..जब घूंघट में कबड्डी खेलने उतरी घरों की बहुएं.. मैदान पर पूरे गांव ने बजाईं तालियां

Dausa: राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल ने प्रदेश में खेलों के प्रति जागरूकता कई गुणा बढ़ा दिया है. इस खेल ने बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और लड़कियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है. प्रदेश में 4 दिन तक चली राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिता का समापन हो गया.

जिले भर में 60 हजार 238 रजिस्ट्रेशन हुए थे और 5 हजार 150 टीमें शामिल हुई थीं. गांव के बुजुर्गों की मानें तो उनका कहना है उन्होंने अबतक के जीवन काल में ऐसी खेल प्रतियोगिताएं नहीं देखी जो ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित हुई हो. इस प्रतियोगिता की खास बात यह रही कि इसमें सरकार ने ना कोई आयु सीमा तय की थी और ना ही कोई ड्रेस कोड. जिसके चलते बच्चों के साथ साथ  भाग लिया और खूब आनंद उठाया.

 

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महिलाओं ने बेटियों के साथ तो पुरुषों ने बेटों के संग खेली कबड्डी

ग्रामीण परिवेश की महिलाएं और बुजुर्ग अपने ही रोजमर्रा के पहने हुए परिधानों में ही खेलें. महिलाएं घाघरा-लुगड़ी में कबड्डी खेलती हुई दिखाई दीं. वहीं, पुरुषों ने धोती-कुर्ते में अपने खेलों का जौहर दिखाया. गांव की भाषा में यह कहावत पुरानी हो गई जब कबड्डी में काका जी क्या करेंगे की चर्चा होती थी, लेकिन राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में यह किवदंती पुरानी पड़ गई. जहां माता-पिता, बेटे-बेटी, दादा-दादी और काका भतीजे एक साथ खेलते हुए नजर. महिलाओं ने बेटियों के संग तो पुरुषों ने बेटों के साथ कबड्डी खेली और जीतकर उन्हें पटखनी भी दी.

राज्य स्तर पर टीमों का होगा चयन

पंचायत स्तर पर आयोजित हुई राजीव गांधी ग्रामीण खेल प्रतियोगिता में जीतने वाली टीम अब ब्लॉक स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं में खेलेंगी और ब्लॉक स्तर पर जीतने वाली टीम जिला स्तर पर खेलेंगी और राज्य स्तर पर अपना परचम लहराएगी. बता दें कि राज्य सरकार का ग्रामीण क्षेत्रों में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कराने का मकसद एक ओर जहां गांव में छुपी खेल प्रतिभाओं को तराशना है. वहीं, लोग खेलों के प्रति जागरूक हो साथ ही गांव के अंदर युवा और बुजुर्ग बेवजह इधर-उधर बैठकर समय खराब करने के बजाए खेलों में समय व्यतीत करेंगे और जहां उनका शरीर स्वस्थ रहेगा. वहीं, राजस्थान भी निरोगी बन सकेगा. प्रदेश भर में आयोजित हुई राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिताओं का आज समापन हुआ.

Reporter- Laxmi Avtar Sharma 

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