Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर जिले और मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बीच स्थित रेलवे के चंबल पुल पर पिछले काफी समय से कुछ असामाजिक तत्व ट्रेन की खिड़की में से हाथ बाहर निकाल कर मोबाइल से वीडियो बनाने वाले लोगों के हाथ में डंडा मारकर मोबाइल लूटने की वारदातों का अंजाम दे रहे हैं, लेकिन इसे रोकने में सब नाकाम साबित हो रहे हैं. 


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कुछ चंद रुपए के लिए मोबाइलों की लूट कर चंबल को देशभर में बदनाम करने वाले ये लुटेरे मोबाइल लूट करने के प्रयास में कैमरे में कैद हो गए. साथ ही ये लूट करने में असफल रहे. आपको बता दें कि चंबल नदी के आसपास का दृश्य बेहद सुंदर लगता है. बरसात के दिनों में चंबल के बीहड़ों में हरियाली उग आने से यह कश्मीर की वादियों जैसा लगता है. 


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ऐसे में ट्रेन में यात्रा कर रहे लोग खिड़की से हाथ बाहर निकाल कर मोबाइल से इसका वीडियो बनाने लग जाते हैं. वहीं चंबल पुल के आसपास पटरी के साइड में कुछ असामाजिक तत्व इस दौरान डंडा लेकर घात लगाकर बैठे रहते हैं. जैसे ही कोई यात्री ट्रेन की खिड़की से हाथ बाहर निकाल कर चंबल के दृश्य का मोबाइल से वीडियो बनाता है, तो ये असामाजिक तत्व हाथ में डंडा मारकर मोबाइल को गिरा लेते हैं और लूटकर भाग जाते हैं. 



ये घटनाएं कोई 1 दिन की नहीं है, बल्कि आए दिन की हैं. चंबल के पुल पर ट्रेने धीमी गति से गुजरती हैं. ऐसे में ये लुटेरे आसानी से हाथ में डंडा मारकर मोबाइल गिरा लेते हैं. वहीं ट्रेन में सवार यात्री मजबूरन ट्रेन में से कुछ नहीं कर पाता. मामला यूं है कि धौलपुर जिले के राजाखेड़ा इलाके के गांव बिचपुरी निवासी युवक प्रशांत कुमार पुत्र रमेशचंद ग्वालियर मध्य प्रदेश में जॉब करता है. 


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वह पंजाब मेल ट्रेन से धौलपुर से ग्वालियर जा रहा था. इस दौरान उसकी पत्नी और बच्चे भी उसके साथ थे. उन्होंने चंबल नदी के पुल से थोड़ा पहले बीहड़ो का खिड़की में से हाथ बाहर निकाल कर अपने मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया. इसी दौरान यहां पहले से ही मोर्चा लेकर खड़े मोबाइल लूटने वाली गैंग के एक युवक ने प्रशांत के हाथ में उसके मोबाइल को गिराने के लिए तेजी से डंडा मारा. 



लेकिन इस दौरान लुटेरे का निशाना चूक गया. जिससे डंडा प्रशांत के हाथ में न लगकर खिड़की में लगा. जिससे उसका मोबाइल बच गया और चंबल का यह मोबाइल लुटेरा आरोपी प्रशांत के मोबाइल के कमरे में कैद हो गया. प्रशांत का भाग्य आज अच्छा था कि लुटेरे का डंडा उसके हाथ में नहीं पड़ा, वरना उसका करीब सवा लाख रुपए की कीमती मोबाइल नीचे गिर जाता और लुटेरे लूट लेते. 


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अब देखना ये है कि रेलवे पुलिस और अन्य जिम्मेदार चंबल के इन मोबाइल लुटेरों को पकड़ कर इनके खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई करते हैं तथा मोबाइल लूट के इस काले कारनामे पर कैसे लगाम लगाते हैं. जिससे चंबल का नाम देश भर में खराब होने से बच सके. 


लंबे समय से चलता है चंबल पुल पर मोबाइल लूट का काला खेल


चंबल नदी के पुल के पास दोनों तरह ट्रेन में से वीडियो बना रहे यात्रियों के हाथ में डंडा मारकर मोबाइल गिराने और लूटकर भाग जाने का ये काला कारनामा कोई आजकल से नहीं, बल्कि कई वर्ष से चल रहा है. इस तथ्य से रेलवे पुलिस और जिला पुलिस भली भांति परिचित है. जिसे लेकर पूर्व में रेलवे पुलिस की ओर से ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई इनके खिलाफ नहीं हो सकती. 


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जिस कारण ये लुटेरे आज भी चंबल नदी के पुल के आसपास सक्रिय रहते हैं और डंडा मारकर मोबाइल लूटने की वारदातों को अंजाम देते हैं. आपको बता दें कि रेलवे का यह बड़ा ट्रैक है. जो उत्तर भारत और दक्षिण भारत को जोड़ता है. जिस कारण यहां से बड़ी संख्या में ट्रेनें गुजरती हैं. जिनमें बड़ी संख्या में हजारों लाखों यात्री यात्रा करते हैं. ऐसे में लुटेरे युवक आए दिन डंडा मारकर मोबाइल लूटने की वारदातों को अंजाम देते हैं. जिससे चंबल इलाका देश भर में बदनाम होता है.