Teenage Children Secrets: टीनएजर उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है, जिसमें कि कहते हैं कि बच्चे अगर संभल गए तो वह जिंदगी भर संभले रहेंगे और अगर बिगड़ गए तो फिर उन्हें कोई सुधार नहीं सकता. यह उम्र का बहुत ही नाजुक समय होता है, जिसमें बच्चों पर पैनी नजर रखनी पड़ती है. कहते हैं कि टीनएजर यानी कि किशोरावस्था में बच्चों के शरीर में तमाम तरीके हार्मोन अल बदलाव होते हैं, जिसके चलते उनके स्वभाव और शरीर में कई तरह के चेंजेस आते हैं.
इस उम्र से गुजर बच्चों पर कई सारे इमोशंस हावी होते हैं. जैसे कि उन्हें प्यार, गुस्सा, चिड़चिड़ापन सब कुछ बहुत जल्दी से आ जाता है. कई बार कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों की बढ़ती उम्र की चीजों को समझते नहीं हैं और वह उनको डांट फटकार लगा देते हैं. इसके कारण बच्चों के इमोशंस दब जाते हैं और वह कई बातें अपने माता-पिता से छिपाना शुरू कर देते हैं. किशोरावस्था यानी कि टीनएजर में बच्चे अपने पैरंट्स से क्या-क्या छुपाते हैं, इसके बारे में आज हम आपको कुछ पॉइंट बताएंगे-
टीनएजर एक ऐसी उम्र होती है, जहां पर बच्चों को किसी से भी प्यार और अट्रैक्शन हो जाता है. ऐसे में जब उनके पेरेंट्स को पता चलता है कि उनका बेटा या फिर बेटी किसी को पसंद करते हैं तो वह सीधा अपने टीनएज बच्चे का बाहर निकलना बंद कर देते हैं. उन्हें डांटते मारते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. उम्र के इस समय और पड़ाव में इस तरह की डांट बच्चों को डरा देती है और वह अपने पेरेंट्स से बातें छिपाने लगते हैं. किशोरावस्था में सारे माता-पिता को अपने बच्चों के साथ दोस्ती भरा नेचर रखना चाहिए ताकि वह अपने मन की बात खुल कर उन्हें बता सकें.
बहुत सारे पेरेंट्स को पता नहीं होता है लेकिन टीनएजर का समय जी रहे बच्चे खूब सारी सीक्रेट पार्टी इस समय करते हैं लेकिन वह पेरेंट्स को नहीं बताते हैं. कहते हैं कि यह वह उम्र होती है, जब बच्चे आजादी चाहते हैं लेकिन पेरेंट्स को लगता है कि वह बिगड़ जाएंगे. इस कारण बच्चे किसी भी तरह की पार्टी तो करते हैं लेकिन अपने पेरेंट्स को नहीं बताते हैं.
क्लास बंक करना तो इस उम्र की सबसे बड़ी हॉबी होती है. मौज मस्ती के लिए बच्चे अक्सर ही स्कूल से क्लास बंक करके अपने दोस्तों के साथ निकल जाते हैं. इसके साथ ही वह दोस्तों के साथ होने वाली बातचीत को भी सीक्रेट रखते हैं. उनके फोन पर लॉक लगा होता है. अगर पेरेंट्स इस उम्र में अपने बच्चों के साथ अच्छा व्यवहार रखें तो बच्चे उन्हें बता देते हैं लेकिन अगर पेरेंट्स स्ट्रिक्ट होते हैं तो बच्चे गलत रास्ते पर भी चले जाते हैं.
टीनएजर एक ऐसी उम्र होती है, जहां पर बच्चों को नए एक्सपेरिमेंट करना बहुत पसंद होता है. जैसे कि स्मोकिंग, ड्रिंकिंग ड्रग्स आदि आदतों को बच्चे जल्दी अपना लेते हैं. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा इन सभी बुरी आदतों में ना पड़े तो उसके साथ दोस्ताना व्यवहार रखें. उससे प्यार से बात करें. इससे वह अपनी जिंदगी में होने वाली हर छोटी बड़ी बात की जानकारी आपको देगा और आप उसे गलत रास्ते पर जाने से रोक सकेंगे.
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