Bizarre Funeral Tradition: कहते हैं कि इन लोगों में अंतिम संस्कार के समय सभी पुरुष मरने वाले व्यक्ति का मांस पकाकर खाते थे और महिलाएं और बच्चे मृतक व्यक्ति के दिमाग को पकाकर खाते थे.
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Bizarre Funeral Tradition: देश से लेकर पूरी में दुनिया कई तरह और विभिन्न प्रजाति के लोग रहते हैं, जिनके सबके अपने-अपने विचार और प्रथाएं होती हैं. वहीं, कुछ प्रथाएं तो इतनी अजीबो-गरीब होती हैं, जिनको सुनकर उन पर विश्वास ही नहीं होता है. दुनिया में अनगीनत अनोखी परंपराएं है. इन्हीं में एक अजीब प्रथा पापुआ न्यू गिनी (Papua New Guinea) में पाई जाने वाली जनजाति में निभाई जाती थी. इस जनजाति की प्रथाएं अजीब और डरा कर रख देने वाली होती थी.
अंतिम संस्कार के वक्त लोग खाते थे इंसानी मांस
कहते हैं कि पापुआ न्यू गिनी में एक फोर जनजाति के लोग होते है. उस समय में इस जनजाति के लोग अंतिम संस्कार (Bizarre Funeral Tradition) के वक्त एक ऐसी प्रथा निभाते है, जिसे सुन आप आपने कानों पर यकीन नहीं कर पाएंगे. अंतिम संस्कार के समय ये लोग इंसानों को मांस खाते थे.
महिलाएं और बच्चे खाते थे इंसान का दिमाग
इन लोगों में अंतिम संस्कार के वक्त एक भोज की दावत दी जाती थी और सभी पुरुष मरने वाले व्यक्ति का मांस पकाकर खाते थे. इसी के साथ यहां की महिलाएं और बच्चे मृतक व्यक्ति के दिमाग को पकाकर खाते थे.
प्रथा निभाने की ये थी वजह
जानकारी के मुताबिक, इस जनजाति के लोगों कहना था कि मृतक के शरीर को दफनाने के बाद उसमें कीड़े पड़ सकते हैं और शरीर पूरी तरह सड़ जाता है. ऐसे में ये लोग अपने प्रियजन के मरने के बाद उसके अंतिम संस्कार में उसके शरीर को खा लेते थे.
क्यों बंद की थी ये परंपरा
कहते हैं कि इंसान के दिमाग में एक अनु पाया जाता है, जिसको खाने से इंसान की मौत हो सकती है. वहीं, धीरे-धीरे इन जनजाति के लोगों में एक बीमारी पनप गई, जिसे कुरु का नाम दिया गया, जिसकी वजह से फोर जनजाति के लोग ठीक से चल नहीं सकते थे और न ही कुछ खा पाते थे. इससे शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता जाता और वह मर जाता. इसी के कारण इन लोगों ने इस प्रथा को निभाना बंद किया.