Jaipur : राजस्थान में कोरोना के आंकड़ों में कमी आने के बाद अनलॉक टू की शुरुआत हो गई है. दुकानों के खुलने का समय बढ़ाया गया है तो भीड़ भी नजर आ रही है. इस भर्ती भीड़ को लेकर विशेषज्ञ चिंतित नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कोर ग्रुप के सदस्य और दूसरी लहर के दौरान सबसे पहले लॉकडाउन लगाने का सुझाव देने वाले डॉ. वीरेंद्र सिंह (Doctor Virendra Singh) का मानना है यह खतरा अभी टला नहीं है. 


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कोरोना के आंकड़े कम हुए हैं इस वजह से आर्थिक गतिविधियों को खोला जाना जरूरी है, लेकिन सरकार के साथ-साथ लोगों को भी सावधानी रखनी होगी. थर्डवेव (Corona third wave) को लेकर डॉक्टर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि अगस्त सितंबर में इस वेव के आने की आशंका है, लेकिन जिस तरह की स्टडी है नहीं लगता है बच्चों पर इसका कोई बहुत अधिक खास असर नजर आएगा. 



(डॉ. वीरेंद्र सिंह)


राजस्थान में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों को लेकर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ही स्थिति चिंताजनक है, लेकिन ब्लैक फंगस की सबसे बड़ी वजह देश में पाया गया डेल्टा स्ट्रेन ही है. इस स्ट्रेन की वजह से ही शुगर और बीपी के पेशेंट पर कोरोना के बाद उसने घातक असर किया है. 


डॉ. वीरेंद्र सिंह ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी टीम ने राजस्थान में कोविड- मैंनेजमेंट की दिशा में बेहतर काम किया है, लेकिन अभी भी इस बीमारी को लेकर सतर्क रहने कीआवश्यकता है. डॉ. विजेंद्र सिंह ने कहा सरकार को चाहिए कि वह युद्ध स्तर पर लोगों को वैक्सीनेट करें और नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वह लंबे समय तक लोगों को अनिवार्य तौर पर मास्क पहनने की आदत डालें.


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