कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने के लिए हर कोई अपने स्तर पर अपना योगदान देने में जुटा है.
Trending Photos
Jaipur : कोरोना महामारी (Coronavirus) से निपटने के लिए हर कोई अपने स्तर पर अपना योगदान देने में जुटा है. अब राजस्थान विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह शेखावत की ओर से विश्वविद्यालय में व्याप्त सुविधाओं को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग में लाने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन और सरकार को सुझाव दिए गए हैं, जिसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय में सभी छात्र संघों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का पूर्ण बजट छात्रों के निशुल्क वैक्सीनेशन, राविवि परिसर में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की अभिनव कार्य योजना पर विचार करने के सुझाव दिया गया है.
ये भी पढ़ें-CM गहलोत के मन में पाप था, इसलिए वेंटिलेटर्स को काम में नहीं लिया: अरुण सिंह
जनसंपर्क अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि "राज्य के सबसे बड़े उच्च शिक्षण केंद्र राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना के व्याप्त संकट में अपने सभी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालय के केंद्रीय छात्र संघ के सांस्कृतिक एवं ऐसे ही अन्य कार्यक्रमों से जुड़े निर्धारित बजट का उपयोग छात्रों के निशुल्क वैक्सीनेशन हेतु किए जाने और राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) परिसर में स्थापित एक गैस प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट के रूप में विकसित करने, विश्वविद्यालय कर्मियों के लिए 15 कंस्ट्रक्टर युक्त अस्थाई आपातकालीन चिकित्सा केंद्र स्थापित करने के साथ ही अल्प वेतनभोगी संविदा कर्मियों को चिकित्सा एवं खाद्य सामग्री की निशुल्क सहायता की एक अभिनव पहल के आधार पर एक कार्य योजना पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है."
राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन के समक्ष विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ भूपेंद्र सिंह शेखावत द्वारा इस संबंध में एक विस्तृत कार्य योजना प्रस्तुत की गई है. कुलपति ने इस संबंध में शेखावत द्वारा प्रस्तुत कार्य योजना के प्रारूप को क्रियान्वित करने की दिशा में आवश्यक विचार विमर्श प्रारंभ कर दिया है.
डॉ. शेखावत ने अपने प्रस्ताव में यह उल्लेख किया है कि "आज राज्य सरकार युवाओं के वैक्सीनेशन को लेकर जिस तरह आर्थिक सहयोग का आह्वान कर रही है. ऐसी स्थिति में राजस्थान विश्वविद्यालय को अपने सभी छात्र संघों से जुड़े सांस्कृतिक व अन्य कार्यक्रमों के लिए निर्धारित बजट प्रावधानों का उपयोग विश्वविद्यालय के छात्रों के वैक्सीनेशन के लिए उपयोग में लिया जा सकता है.
अपने प्रस्ताव में जनसंपर्क अधिकारी ने यह उल्लेख किया है कि इस विपदा की भयावहता वह व्याप्त अनिश्चितता को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में पूर्व में ही स्थापित एक गैस प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट के रूप में विकसित करने के कार्य को शीघ्र से शीघ्र मूर्त रूप दिया जाना चाहिए."
साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में कार्य कर रहे अल्प वेतनभोगी संविदा कर्मियों की सहायता के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एक अपील विश्वविद्यालय समुदाय से किए जाने का सुझाव भी अपने इस प्रस्ताव में जनसंपर्क अधिकारी ने रखा है.उन्होंने इस संबंध में कहा है कि "विश्वविद्यालय में कार्य कर रहे इन संविदा कर्मियों व इनके परिवारों के पास आज चिकित्सा एवं नित्य प्रति की खाद्य सामग्री का एक गहरा संकट खड़ा हो गया है. ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय समुदाय से इनकी स्वैच्छिक आधार पर मदद किए जाने की एक अपील विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की जानी चाहिए."
उन्होंने इस संबंध में विश्वविद्यालय जनसंपर्क कार्यालय द्वारा इस कार्य के लिए समन्वयक का कार्य करने का विचार भी रखा है. डॉ. शेखावत ने विश्वविद्यालय मैं स्थित चिकित्सकों एवं संसाधनों युक्त चिकित्सालय में प्रशासन द्वारा 15 कंस्ट्रक्टर उपलब्ध करवाए जाने का भी महत्वपूर्ण सुझाव इस संबंध में दिया है. उन्होंने कहा है कि "वर्तमान परिस्थिति में विश्वविद्यालय से जुड़े कर्मचारी एवं शिक्षक गंभीर रूप से इस संक्रमण में ऑक्सीजन के अभाव का सामना कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जबकि जयपुर के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन का गहरा अभाव व्याप्त हो गया है. विश्वविद्यालय कर्मियों की जीवन रक्षा के लिए आपातकालीन स्थिति में इन कंस्ट्रक्टर की व्यवस्था एक प्रभावी माध्यम साबित होगी.
ये भी पढ़ें-रघु शर्मा से बेनीवाल ने मांगा इस्तीफा, कहा-मंत्री के रूप में आप विफल साबित हुए