भारत में नया कानून लाने की तैयारी में सरकार,फेसबुक और गूगल को देनी होगी मुनाफे में हिस्सेदारी
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भारत में नया कानून लाने की तैयारी में सरकार,फेसबुक और गूगल को देनी होगी मुनाफे में हिस्सेदारी

दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों पर कंटेंट के इस्तेमाल के लिए पैसे देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसको लेकर देश के आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि भारत सरकार एक ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रही है जिससे ओरिजनल कंटेंट क्रिएटर्स और मीडिया हाउस को फायदा मिले.

भारत में नया कानून लाने की तैयारी में सरकार,फेसबुक और गूगल को देनी होगी मुनाफे में हिस्सेदारी

Rajiv Chandrashekhar: प्रदेश में दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों पर कंटेंट के इस्तेमाल के लिए पैसे देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है,जिसको लेकर देश के आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले हफ्ते संकेत दिया था कि भारत सरकार एक ऐसा कानून बनाने पर विचार कर रही है जो Google, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, ऐप्पल, ट्विटर और अमेज़ॅन जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों को भारतीय समाचार पत्रों और वेबसाइटों से सामग्री तक पहुंचने की अनुमति देगा.

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भारत सरकार इस पर विचार कर रही है कि अभी तक देश में अलग-अलग न्यूज वेबसाइट्स के कंटेंट का फायदा केवल बड़ी  कंपनियां उठा रही थी.ओरिजनल कंटेंट क्रिएटर्स को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा था पर इस कानून के बाद उनकी भी इनकम बढ़ेगी और सही मायनों में लोगों को उनकी मेहनत को फल मिलेगा जो टेक कंपनियां ले लेती थी.यह न सिर्फ ठीक होगा बल्कि राष्ट्रीय हित में भी रहेगा.

कंटेंट से जुड़े विवादों के बाद ऑस्ट्रेलिया कंटेंट के लिए भुगतान पर कानून बनाने वाला पहला देश बन गया था.ऑस्ट्रेलिया पहला ऐसा देश है जो ओरिजनल कंटेंट के लिए भुगतान का कानून लाया था.इस कानून को लाते वक्त ऑस्ट्रेलिया में भी इस विषय पर काफी विवाद भी हुआ था.इसके बाद कनाडा,फ्रांस और स्पेन में भी इसे लेकर कानून बनाया जा चुका है.

राजीव चंद्रशेखर ने लिखा कि इस बारे में जांच जारी है और नतीजे सामने आने के बाद इस समस्या को हल किया जा सकता है. इस मामले में जिस चीज पर असर पड़ रहा है,वह सिर्फ बिजनेस ही नहीं है.मीडिया एक अहम संस्था है जो मूल भारतीय मूल्यों को कायम रखता है और राष्ट्रीय संप्रभुता का समर्थन करता है. यह केवल बाजार की विफलता के बारे में नहीं है,यह वैश्वीकरण के युग में शासन के बारे में है.यह हमारी सुधारवादी इच्छा के बारे में है.जो अनुचित है उसे आगे नहीं बढ़ने देना चाहिए.
 

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