Jaipur News: राजस्थान के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके, इसके लिए यहां के दानवीर लगातार प्रयास कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार राजस्थान के भामाशाहों ने पिछले पांच सालों में सरकारी स्कूलों को 345 करोड़ रुपए का दान किए हैं.
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Jaipur: राजस्थान (Rajasthan) का नाम वीरता के साथ दानवीरों में भी शुमार है. स्थानीय और प्रवासी राजस्थानी (Pravasi Rajasthani) प्रदेश के बेटे-बेटियों की अच्छी शिक्षा और तमाम सुख-सुविधाएं देने के लिए स्कूलों में अरबों रुपए का दान दिया है. और अब इस रकम से स्कूलों में संसाधन जुटाए जा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार पिछले क़रीब 5 साल में ही ये दान की गई रकम का आंकड़ा लगभग 345 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. सीधे सरकारी स्कूलों के उद्धार के लिए ख़र्च करने में क़रीब 45 करोड़ रुपए से ज्यादा का फंड दिया गया है. भामाशाहों (Bhamashah) ने अपने स्तर पर स्कूलों में कई प्रोजेक्ट के माध्यम और स्कूल गोद लेकर लगभग 300 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. क़रीब पौने 3 लाख राजस्थानियों ने 5 साल में कुल 345 करोड़ रुपए दान किए हैं.
दानवीरों ने ये सहयोग की रकम ज्ञान संकल्प पोर्टल (Gyan Sankalp Portal) के जरिए दी है. इस पोर्टल की शुरुआत 5 अगस्त 2017 को हुई थी. इसमें मुख्यमंत्री विद्यादान कोष (Chief Minister's Education Fund ) में वित्तीय सहायता या किसी प्रोजेक्ट में सरकार की मदद कर सकते हैं. शिक्षा विभाग (education Department) के पोर्टल पर सरकारी स्कूलों में आधारभूत ढांचे के विकास, सहायता या फिर स्कूल गोद लेने के लिए कोई भी सरकारी या गैर सरकारी व्यक्ति फंडिंग (funding) कर सकता है.
राजस्थान के दानवीर विद्यादान में सबसे आगे
चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) के 9 स्कूलों के भवन निर्माण में न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (Nuclear Power Corporation of India Ltd.) ने 21 करोड़ से अधिक रुपये ख़र्च किए. डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन (DCM Shriram Foundation) ने कोटा के कई स्कूलों में 20 करोड़ रुपए ख़र्च किए. राबाउमावि टपूकड़ा अलवर (Rabaumavi Tapukada Alwar) में होंडा कोर्स (honda cors) ने 8.33 करोड़ रुपए ख़र्च किए.
राआउमावि सिसोदा राजसमंद (Raaumavi Sisoda Rajsamand) में मंगल चेरिटेबल ट्रस्ट (Mangal Charitable Trust) ने 5.62 करोड़, श्रीमती गीतादेवी बागड़ी राबाउमावि नापासर बीकानेर (Bikaner) में सीएम मुंधड़ा मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट ने 5.50 करोड़ रुपये, राबाउमावि सूरसागर और राबाउमावि रानीबाजार बीकानेर में हल्दीराम एजुकेशनल सोसायटी (Haldiram Educational Society) ने 4.21 करोड़ और गोद लिए स्कूल में हर साल 8 लाख रुपए और राउमावि फुलिया कलां भीलवाड़ा में कल्याण सेवा संस्थान (Welfare Service Institute) ने 6 करोड़ खर्च किए.