राजस्थान में ये किसानें के साथ मजाक या कागजी चूक? यदि सच है तो आगामी चुनाव में भारी पड़ सकती है ये गलती
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राजस्थान में ये किसानें के साथ मजाक या कागजी चूक? यदि सच है तो आगामी चुनाव में भारी पड़ सकती है ये गलती

Rajasthan: राजस्थान के बाड़मेर के किसानों को मुआवजा के रूप में फसलों का 20 पैसे और 2 रुपए का बीमा क्लेम दिया गया है. क्या मजाक किया गया है किसानों के साथ? सीएम गहलोत के किसानों के साथ यह धोखा किसने किया. ये कागजी चूक है या फिर कुछ और?

फाइल फोटो,

Rajasthan: राजस्थान सरकार चुनावी साल से पहले एक बाद एक मौका विपक्ष को देते जा रही है, कभी पेपर लीक, तो कभी अपराध तो कभी अपनी सियासत के लिए देशभर में चर्चा में रहने वाली गहलोत सरकार आखिर ऐसी चूक क्यों कर रही है. अब एक ऐसा ही मामला किसानें से जुड़ा हआ सामने आया है. दरअसल बाड़मेर में फसल बीमा क्लेम के रूप में किसानें को 20 पैसे, 2 रुपए और 10 रुपए की राशि दी गई है.

इस सच के सामने आने के बाद बाड़मेर जैसलमेर सांसद राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने राजस्थान सरकार पर हमला बोला है. आपको बता दें कि फसल बीमा क्लेम की राशि में ऐसे ही मामले राजस्थान के अन्य जिलों से भी आएं. इसको लेकर किसानों में काफी नाराजगी बनी हुई है.

हालांकि इस मामले में केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि किसानों को मिली सबसे कम फसल बीमा क्लेम की राशि को लेकर मैंने राज्य सरकार के कृषि अधिकारियों व फसल बीमा कंपनी के अधिकारियों की मीटिंग बुलाई है और इस क्लेम की जांच करवाई जाएगी ताकि किसानों को उनका हक मिल सके.

कमलनाथ सरकार ने भी की थी ऐसी चूक
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में 15 महीने तक सीएम रहे कमलनाथ के कार्यकाल में भी किसान कर्ज माफी और फसल बीमा योजना में ऐसी चूक सामने आई थी. जिसको लेकर विपक्ष में बैठी बीजेपी अक्सर हमलावर रहती थी. हालांकि फिर ज्योतिरा दित्य सिंधिया की वजह से सरकार गिर गई थी.

ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस सरकार को इन घटनाओं से सीख लेना चाहिए. क्योंकि चुनावी साल सिर पर है. युवा, किसान और बेरोजगार यदि सरकार से रुष्ट हो जाएंगे तो राजस्थान में सरकार की वापसी आसान नहीं होगी. 

अब साल ये उठ रहा है की बाड़मेर के किसानों को फसल बीमा क्लेम के रूप में जो राशि 2 पैसे और 2 रुपए की दी गई है, वो कागजी चूक है. या फिर सच में ऐसा हुआ है? यह काफी गंभीर व किसानों से जुड़ा एक संवेदनशील मामला है. इस पर सीएम अशोक गहलोत को गंभीरता से विचार करना चाहिए.

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