30 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान ब्रम्हाकुमारी जयपुर सबजोन द्वारा महासमर्पण समारोह में एक साथ 23 बालब्रम्हचारिणी बहने अपना अपना जीवन ईश्वरीय सेवाओं में समर्पित कर देंगी.
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Jaipur: त्याग, तपस्या और नि:स्वार्थ सेवा से सृष्टि में परिवर्तन की दिशा में किस तरह कार्य किया जा सकता है. इसका ज्ञान राजयोग के प्रभाव से हुआ. इससे जिंदगी का नजरिया ही बदल गया. अब इसी दिशा में अपना जीवन समर्पित कर मानवता को बुराइयों और कुरीतियों से दूर ले जाना जीवन का संकल्प बन गया है. इसी भाव के साथ 23 बालब्रम्हचारिणी बहने आध्यात्मिकता को अपना जीवन समर्पित कर रहीं है. 30 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्थान ब्रम्हाकुमारी जयपुर सबजोन द्वारा महासमर्पण समारोह में एक साथ 23 बालब्रम्हचारिणी बहने अपना अपना जीवन ईश्वरीय सेवाओं में समर्पित कर देंगी.
केंद्र से जुड़े लोगों के साथ ही इनके परिजन आयोजन के साक्षी बनेंगे. यानि यह बहने अपना परिवार न बसाकर एक तपस्विनी का जीवन जीते हुए बतौर स्पिरिचुअल टीचर्स आजीवन राजयोग मेडिटशन और ईश्वरीय ज्ञान के जरिये उनका आध्यात्मिक उत्थान करेंगी. आसान शब्दों में अगर कहे तो इन्हे लोगो को आत्मा और परमात्मा का ज्ञान दे. परमात्मा से सम्बन्ध जोड़ने की विधि बता कर उसका अभ्यास करना होगा. ताकि उनका स्पिरिचुअल विकास हो सके और एक मूल्यनिष्ठ और सांस्कारिक समाज का निर्माण हो सके.
खास बात यह है की ईश्वरीय सेवा में अपना जीवन समर्पित करने जा रही यह 23 बहने पोस्ट ग्रेजुएट है और प्रोफेशनली क्वालिफाइड है. कुछ के पास इंजिनीयरिंग, तो कुछ टीचिंग तो कुछ आर्ट और कॉमर्स फील्ड से ताल्लुक रखती है लेकिन इन्होने एक पेशवर और पारिवारिक जीवन जीने का मोह त्याग कर ईश्वरीय सेवाओं के लिए जीवन डेडिकेट करने का निश्चय किया है. बतौर अंतराष्ट्रीय लाइफ कोच और मोटिवेशनल स्पीकर अपनी पहचान बना चुकी ब्रम्हाकुमारी बीके शिवानी भी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी है और एक स्पिरिचुअल टीचर के तौर पर लाखों लोगों का जीवन संवार रही है.
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ये सभी अलग -अलग कोने और अलग- अलग अलग बैकग्राउंड से है लेकिन यह सभी एक लक्ष्य लेकर चले है. हमारा जीवन श्रेष्ठ शुध्द बने और अपनी सेवाए प्रभु समर्पित करके जनता को खुशहाली दे सके. उनका जीवन बना सके उन्हें पविता जीवन की दिशा दे सके. यह लक्ष्य लेकर के यह 23 नयी और यंग ब्रम्हाकुमारी बहने समाज और विश्व कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने जा रही है. खास बात यह है कि इस फैसले में इनके परिवार की भी सहमति है और उनकी मौजूदगी में ही गरिमामय कार्यक्रम में इनके परिवार के सदस्य इन्हें ईश्वरीय कार्यो के लिए संसथान को समर्पित करेंगे.