नाबालिग से रेप मामले में पीड़िता की मंजूरी मायने नहीं, दोषियों को मिली 20 साल की सजा
राजधानी में सोमवार को पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 और द्वितीय में दो रेप के मामलों पर सुनवाई की गई. पहले मामले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपि शाहरुख कुरैशी और आरिफ कुरैशी को 7 साल की सजा सुनाई है.
Jaipur News: राजधानी में सोमवार को पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 और द्वितीय में दो रेप के मामलों पर सुनवाई की गई. पहले मामले में नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपि शाहरुख कुरैशी और आरिफ कुरैशी को 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने आरोपियों पर 24 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. वही इसी मामले में अदालत ने दो लोगों को बरी भी किया है.
दूसरे मामले में महानगर द्वितीय की पॉक्सो कोर्ट में एक नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले आरोपि सोनू राज यादव को बीस साल की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि 9 मई 2016 को पीड़िता के पिता ने माणक चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि एक दिन पहले उसकी बेटी सहेली के पास नोट्स लेने गई थी, लेकिन वापस नहीं आई. वहीं दस मार्च को मिलने पर उसने बताया कि अभियुक्त ने उसे होटलों में ले गए थे और उसके साथ दुष्कर्म किया.
रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. वहीं दूसरे प्रकरण में पीड़िता के पिता ने 2 दिसंबर को मुहाना थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी 15 साल की बेटी बिना बताए कहीं चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने करीब तीन माह बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर पीडिता को बरामद किया.
पीडिता ने अदालत को बताया कि वह अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी और करीब तीन माह दिल्ली में पति-पत्नी की तरह रहने के बाद वे गोनेर रोड आकर रहने लगे. इस पर अदालत ने माना की नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.
Reporter: Mahesh Pareek
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