आपने अक्सर सुना होगा कि इंसान अपना भाग्य खुद बनाता है. हाथों की लकीरों से भाग्य नहीं बनता. लेकिन हमारे वैदिक ज्योतिष के भाग हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि जन्म से ही इंसान के हाथ में कुछ लकीरें दिखती है जो दरअसल उसका भाग्य बताती है. यानि कि इंसान का भाग्य जन्म के समय ही तय हो जाता है. अब इसको मानना या नहीं मानना आप पर निर्भर करता है. लेकिन अगर मेहनत के साथ भाग्य भी साथ हो तो फिर क्या कहने ?
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Palmistry : आपने अक्सर सुना होगा कि इंसान अपना भाग्य खुद बनाता है. हाथों की लकीरों से भाग्य नहीं बनता. लेकिन हमारे वैदिक ज्योतिष के भाग हस्तरेखा शास्त्र में बताया गया है कि जन्म से ही इंसान के हाथ में कुछ लकीरें दिखती है जो दरअसल उसका भाग्य बताती है. यानि कि इंसान का भाग्य जन्म के समय ही तय हो जाता है. अब इसको मानना या नहीं मानना आप पर निर्भर करता है. लेकिन अगर मेहनत के साथ भाग्य भी साथ हो तो फिर क्या कहने ?
सहमत हैं तो एक बार अपने हथेली की तरफ देखे क्या कोई राजयोग बन रहा है ? ये राजयोग तुरंत फलदायी नहीं होते लेकिन जीवन के एक चरण में अपार समृद्धि और धन दौलत देकर जाते हैं.
कुछ खुशनसीब लोगों की हथेली पर गजलक्ष्मी योग बना होता है. हाथ में मणिबंध से शुरू कोई रेखा जब शनि पर्वत तक जाते या फिर सूर्य पर्वत उभरा हो साथ ही मस्तिष्क रेखा और स्वास्थ्य रेखा ठीक बनी हो तो इसे ही गजलक्ष्मी योग माना जाता है. ऐसे लोग राज सी जिंदगी जीते हैं
वही अगर हथेली पर शुक्र पर्वत ऊंचा और गुरु पर्वत पर क्रांस बना हो तो इसे मरुत राजयोग कहा जाता है. ये लोग धनवान होते हैं और मां लक्ष्मी की हमेशा कृपा पातें है. कम उम्र में ही ऐसे लोग ऊंचा मुकाम हासिल कर लेते है.
अगर हथेली में सूर्य, चंद्र और शुक्र ऊंचे हो और चंद्र पर्वत पर कोई रेखा बुध पर्वत तक गयी हो तो इसे अमला योग कहते हैं. ये लोग दूरदर्शी और कलाकार होते हैं. बिजनेस में महारथी बनते हैं और वैवाहिक जीवन में सुख पाते हैं. ऐसे लोगों के प्रेम संबंध सफल ही होते हैं.