Sea Water: इस बारे में तो सबको पता है कि समुद्र का पानी खारा होता है, जो पीने के काम नहीं आ सकता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि समुद्र का पानी खारा क्यों होता है? और इतना नमक आया कहां से. ऐसे में आज हम आपको इस रहस्य के बारे में बताएंगे.
समुद्र का पानी इतना खारा होता है कि इसको बिल्कुल पिया नहीं जा सकता है लेकिन समुद्र में इतना सारा नमक कहां से आया, कि उसका पानी इतना खारा होता है. महासागरों और समुद्रों का पानी खारा होता है.
अमेरिका के नेशनल ओसियानिक और एटमॉस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, यदि सारे समुद्रों का सारा नमक निकालकर जमीन पर बिछा दिया जाए तो उसकी परत 500 मीटर ऊंची हो जाएगी.
बता दें कि बारिश का अम्लीय पानी जब जमीन की चट्टानों पर गिरता है, तो उस,का अपरदन कर देता है. इससे बनने वाले आयन नदी के रास्ते समुद्रों में मिल जाते हैं. वहीं, दूसरी वजह मुद्र तल से मिलने वाले उष्णजलीय द्रव्य है. ये खास द्रव्य समुद्र में पृथ्वी की अंदरुनी सतहों से संपर्क में रहने वाले छेदों और दरारों से आते हैं.
इन छेदों और दरारों से समुद्र का पानी पृथ्वी की अंदरूनी सतह के संपर्क में आकर गर्म होने लगता है और बहुत सारी रासायनिक क्रियाएं होने लगती हैं. महासागरों और समुद्रों के पानी में 85 प्रतिशत से अधिक क्लोरीन और सोडियम के आयन पाए जाते हैं.
इसके अलावा मैग्नीशियम और सल्फेट 10 फीसदी पाया जाता है. समुद्र का पानी खारा होने की वजह यह भी है क्योंकि इसमें नदियों में जमा खनिज लवणों की उच्च सांद्रता होती है, जो महासागरों और समुद्रों में बहती है.
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