Rajasthan : दस्तावेज साइन करने मात्र से नहीं वसूला जा सकता 60 फीसदी ब्याज, RBI ने तय कर रखे हैं मापदंड
Advertisement

Rajasthan : दस्तावेज साइन करने मात्र से नहीं वसूला जा सकता 60 फीसदी ब्याज, RBI ने तय कर रखे हैं मापदंड

ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि वित्तीय संस्था ऋणी व्यक्ति की ओर से दस्तावेज पर साइन करने मात्र से साठ फीसदी ब्याज वसूल करने का अधिकार नहीं रखती है.

symbolic picture

Rajasthan News : ऋण वसूली न्यायाधिकरण ने एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि वित्तीय संस्था ऋणी व्यक्ति की ओर से दस्तावेज पर साइन करने मात्र से साठ फीसदी ब्याज वसूल करने का अधिकार नहीं रखती है. वित्तीय संस्था रिजर्व बैंक की ओर से तय मापदंड के आधार पर ही ब्याज राशि वसूल सकती है.

इसके साथ ही न्यायाधिकरण ने मेंटोर होम लोन इंडिया की ओर से की गई कार्रवाई को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया है और मकान का कब्जा परिवादी को लौटाने को कहा है. पीठासीन अधिकारी सुशील कुमार रस्तोगी ने यह आदेश कन्हैयालाल शर्मा की याचिका पर दिए.

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने न्यायाधिकरण को बताया कि याचिकाकर्ता ने वर्ष 2018 में मेंटोर होम लोन इंडिया से 14 लाख रुपए का लोन लिया था.

वहीं बाद में कोरोना के चलते वह कुछ किस्तों का भुगतान नहीं कर पाया. याचिकाकर्ता की ओर से अब तक करीब 12 लाख रुपए का भुगतान वित्तीय संस्था को किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें- Chittorgath Crime : टीचर्स की ट्रेनिंग में शराब के नशे में पहुंचा शिक्षक, बोला- सस्पेंड करना है कर दो...नहीं छोडूंगा, गोली मार दूंगा

इसके बावजूद भी वित्तीय संस्था ने लोन इकरारनामे का हवाला देकर साठ फीसदी दंडात्मक ब्याज की मांग कर याचिकाकर्ता से 27 लाख रुपए की मांग की. इस कार्रवाई को न्यायाधिकरण में चुनौती देने के बाद वित्तीय संस्था ने याचिकाकर्ता के आवासीय परिसर को अपने कब्जे में ले लिया.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया की कार्रवाई से पहले वित्तीय संस्था ने न तो उसे नोटिस दिया और ना ही उसका स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशन कराया.

ऐसे में मामले की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण ने वित्तीय संस्था की ओर से की गई कार्रवाई को रद्द कर परिसर का कब्जा याचिकाकर्ता को लौटाने को कहा है.

Trending news