राजस्थान बजट में इस बार किसानों को मिलेगी बड़ी सौगात, राष्ट्रीय बैंकों का कर्ज भी होगा माफ !
Rajasthan budget 2023 : अशोक गहलोत इस बार के राजस्थान बजट 2023 में किसानों की कर्जमाफी पर बड़ा ऐलान कर सकते है. मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक इंटरव्यू में केंद्र की मोदी सरकार पर किसानों के मुद्दे पर जिस तरह निशाना साधते हुए संकते दिए है उससे राष्ट्रीय बैंकों के कर्ज माफी के ऐलान के मायने निकाले जा रहे है.
Rajasthan budget 2023 : राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार इस बार ऐतिहासिक बजट पेश करने जा रही है. इस बार 2 लाख 65 हजार करोड़ का बजट पेश हो सकता है जो दुनिया के 40 देशों के बजट से भी बड़ा होगा. बीते वित्त वर्ष में राजस्थान सरकार की निजी आय में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ साथ राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय में 3 लाख रुपए की बढ़ोतरी से उत्साहित अशोक गहलोत सरकार अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में सौगातों की झड़ी लगाने की तैयारी कर रही है.
राजस्थान बजट पूरी तरह से चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए अशोक गहलोत पेश करेंगे. इसमें 1 लाख नई नौकरियों की घोषणा के साथ 500 रुपए में गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर और जन आधार कार्ड धारक महिला मुखियाओं को मुफ्त स्मार्ट फोन देने की घोषणा होगी तो वहीं जिस तरह से पिछले बजट किसानों पर केंद्रित रहा था. किसान कल्याण से जुड़ी सभी सरकारी योजनाओं में बजट बढ़ाया गया था तो इस बार का बजट युवाओं पर फोकस रहेगा. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि किसान कर्ज माफी को लेकर भी इस बजट में कोई बड़ी घोषणाएं हो सकती है.
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राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के लिए किसान कर्ज माफी पूरे कार्यकाल में मुद्दा बना रहा. 2018 चुनावों से पहले राहुल गांधी ने कर्जमाफी का ऐलान किया था. कॉपरेटिव बैंकों का कर्ज माफ भी किया गया लेकिन बीजेपी लगातार अधूरे वादे को लेकर सरकार को घेरती रही. ऐसे में इस बार माना जा रहा है कि केंद्रीय बैकों के कर्ज माफ करने को लेकर भी कोई घोषणा हो सकती है.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में एक अखबार को दिए इंटरव्यू में इस बात के संकेत भी दिए थे. सीएम ने कहा था कि वो भारत सरकार को इस बारे में पहले भी पत्र लिख चुके है. जिसमें ये मांग की थी कि उद्योगपतियों का जैसे वन टाइम सेटलमेंट किया जाता है वैसे ही राष्ट्रीय बैंकों से किसानों के कर्ज को भी वन टाइम सेटलमेंट किया जाए. सीएम ने इंटरव्यू में कहा था कि वो इस बारे में राष्ट्रीय बैंकों से बात भी कर चुके है. लेकिन वन टाइम सेटलमेंट के लिए केंद्र सरकार की अनुमति जरुरी है. ऐसे में माना जा रहा है कि केंद्रिकृत बैंकों से किसानों के कर्ज का बोझ राज्य सरकार उठाने का फैसला इस बजट में हो सकता है.