Rajasthan: फिर आ रहे PM मोदी, शाह और नड्डा की तिगड्डी, मरूधरा में कमल खिलाने की जी तोड़ कोशिश
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Rajasthan: फिर आ रहे PM मोदी, शाह और नड्डा की तिगड्डी, मरूधरा में कमल खिलाने की जी तोड़ कोशिश

Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तिकड़ी पर मरूधरा में कमल खिलाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि तीनों नेताओं के राजस्थान में कई दौरे हो चुके हैं

Rajasthan: फिर आ रहे PM मोदी, शाह और नड्डा की तिगड्डी, मरूधरा में कमल खिलाने की जी तोड़ कोशिश

Trio of PM Modi, Amit Shah and JP Nadda in Rajasthan: प्रदेश में विधानसभा चुनाव में जीत का परचम फहराने के लिए बीजेपी हर संभव कदम उठा रही है. चुनाव के लिए बीजेपी पीएम  मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तिकड़ी पर मरूधरा में कमल खिलाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि तीनों नेताओं के राजस्थान में कई दौरे हो चुके हैं, जबकि अभी चुनाव कैम्पेनिंग अभी बाकी है. इन दौरों में अलग अलग क्षेत्र, संभागवार तथा वर्गों को साधने की कोशिश की जा रही है. 

राजस्थान चुनाव में बीजेपी की तिकड़ी खिलाएगी कमल

कर्नाटक चुनाव में हार के बाद बीजेपी के लिए राजस्थान विधानसभा चुनाव काफी अहम है. बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व इसमें किसी भी तरह की कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान पर अपनी नजरें पूरी तरीके से जमाए हुए हैं. इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि पीएम मोदी लगातार राजस्थान में दौरे कर रहे हैं.

एक महीने में दूसरी बार राजस्थान आ रहे हैं पीएम मोदी

हालात यह है कि पीएम मोदी कमोबेश हर 1 महीने में एक दौरा कर रहे हैं. पिछले नौ महीने में पीएम मोदी आठ बार राजस्थान आ चुके हैं. इसमें भी एक महीने में दूसरी बार राजस्थान आ रहे हैं पीएम मोदी. पीएम मोदी 8 जुलाई को बीकानेर आए थे, वहीं 28 जुलाई को नागौर के खरनाल आएंगे.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं बल्कि बीजेपी के शीर्ष नेता भी लगातार राजस्थान के दौरे कर रहे हैं. 

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 28 जून को जोधपुर में

राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 29 जून को भरतपुर में और  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 30 जून को उदयपुर में सभा कर चुके हैं.  खास बात है कि इसी महीने मैं ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 16 जुलाई को प्रदेश में शुरू हो रहे " नहीं सहेगा राजस्थान " अभियान का आगाज करने के लिए जयपुर पहुंच रहे हैं. वही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का 22 जुलाई को गंगानगर का दौरा प्रस्तावित है.  

कांग्रेस की स्कीम का देंगे जवाब - कैलाश चौधरी

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि 28 जुलाई को नागौर के खरनाल में पीएम मोदी की बड़ी सभा होगी. यह कार्यक्रम कृषि मंत्रालय और फर्टिलाइजर मंत्रालय आयोजित कर रहा है. इस सभा मे पीएम मोदी 9 करोड़ किसानों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए की सम्मान निधि ट्रांसफर करेंगे. किसानों के खातों में सम्मान निधि ट्रांसफर करने के अलावा फर्टिलाइजर मंत्रालय की ''पीएम प्रणाम'' स्कीम में किसानों के लिए किए गए नए प्रावधानों की भी प्रधानमंत्री घोषणा करेंगे.

ऐसे में इस कार्यक्रम को राज्य सरकार के लाभार्थी संवाद व अन्य योजनाओं की काट के रूप में उपयोग किया जाएगा.  खरनाल में होने वाली इस सभा मे 3 लाख लोगों को जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई है.  मोदी की सभा में नागौर के आसपास के जिले जिसमे अजमेर, जयपुर, सीकर, चुरू, बीकानेर, जोधपुर और पाली से भी लोग जुटेंगे.

गुर्जर-मीणा के बाद जाट समाज को साधने की कोशिश  

मीणा और गुर्जर समाज के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान समुदाय को भी अपनी नागौर सभा के जरिए साधने की कोशिश करेंगे. बताया जा रहा है कि खरनाल पहुंचने पर पीएम मोदी पहले वीर तेजाजी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे , उसके बाद सभा को संबोधित करेंगे. नागौर जिले में जाट समाज का बड़ा प्रभाव रहा है और वीर तेजाजी के प्रति जाट समाज की गहरी आस्था भी है. मोदी वीर तेजाजी की पूजा के जरिए जाट समाज में धार्मिक संदेश भी देंगे.

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बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को आसींद में भगवान देवनारायण की जयंती पर सभा कर गुर्जर समुदाय को संदेश दिया था. वहीं मानगढ़ धाम में आदिवासी समुदाय साधने की कोशिश की गई. दौसा के धनावड़ में सभा को लेकर मीणा समुदाय तथा बांसवाड़ा और सिरोही में भी सभा कर चुके हैं.  

सियासी मजबूती के लिए कवायद

राजस्थान से बीजेपी के पास वैसे तो 25 में से 24 लोकसभा सीटें उनके खाते में हैं, वहीं नागौर संसदीय सीट पर बीजेपी ने
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को गठबंधन में खाली छोड़ी थी. बेनीवाल ने किसानों के मुद्दे पर गठबंधन तोड़ लिया था. अब बीजेपी नागौर संसदीय सीट को भाजपा सबसे कमजोर सीट मानकर अलग से प्लानिंग कर रही है.

नागौर जिले की बात करें तो यहां 10 विधानसभा सीटें है, 2013 में भाजपा ने नागौर की 10 विधानसभा सीटों में से नौ पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2018 में बीजेपी को मात्र 2 सीटों से संतुष्ट होना पड़ा था. मकराना और नागौर सीट बीजेपी के पास है , जबकि कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई. जिसमें लाडनूं , जायल , डीडवाना , डेगाना , परबतसर और नावा विधानसभा सीट शामिल है. वहीं चुनाव में उतरी हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने दो सीटों जीत दर्ज की जिसमे खींवसर और मेड़ता विधानसभा सीट शामिल है.

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