धुलमिल नजर आ रहा रेनवाल का स्मार्ट सिटी बनने का सपना! अवैध निर्माण पर बेसुध प्रशासन
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धुलमिल नजर आ रहा रेनवाल का स्मार्ट सिटी बनने का सपना! अवैध निर्माण पर बेसुध प्रशासन

रेनवाल का स्मार्ट सिटी बनने का सपना धुलमिल नजर आ रहा है. धड़ल्ले से चल रहे अवैध निर्माण पर प्रशासन बेसुध है.

धुलमिल नजर आ रहा रेनवाल का स्मार्ट सिटी बनने का सपना! अवैध निर्माण पर बेसुध प्रशासन

Renwal: राजधानी जयपुर के आस-पास के छोटे शहर भी अब तेजी से आधुनिक होते जा रहे हैं. इसी बीच एक ओर जहां स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर मास्टर प्लान बनाया गया था और उसी के अनुरूप शहरों में निर्माण कार्य होने थे लेकिन इन दिनों राजधानी के रेनवाल में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध निर्माण कार्य किए जा रहे हैं. इन पर लगाम लगाने वाला नगर पालिका प्रशासन इन दिनों मेहरबान होता हुआ नजर आ रहा है. ऐसे में अवैध निर्माणकर्ता धड़ल्ले के साथ दिन रात निर्माण कार्य कर रहे हैं. और सरकार के स्मार्ट सिटी बनाने के सपनों पर पानी फेर रहे हैं.

जहां एक ओर राज्य सरकार मास्टर प्लान के अनुसार शहर की बसावट के लिए नियम कायदे बना रहीं हैं, वही रेनवाल में नगर पालिका के कर्मचारी मिलीभगत करके मास्टर प्लान की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते अवैध निर्माणकर्ता बेखौफ होकर दिन-रात अवैध निर्माण कर रहे हैं. तंग गलियों और नियमों को ताक में रखकर निर्माण कार्य कर रहे हैं. अगर ऐसे ही अवैध निर्माणों की बाढ़ आती रही तो आने वाले समय में होने वाली बड़ी घटना को पालिका प्रशासन रोकने नाकाम रहेगा और उसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ेगा.

रेनवाल नगर पालिका क्षेत्र में पालिका प्रशासन इन दिनों सियासी दबाव और रसूखदारों के चलते अवैध निर्माणकर्ताओ पर इस कदर मेहरबान हैं कि चाहे तंग गली हो या मुख्य बाजार की सड़कें, सब जगह नियमों को ताक पर रखकर बहुमंजिला इमारतें तो कहीं कमर्शियल निर्माण धड़ल्ले से किए जा रहे हैं. ऐसे में नगर पालिका प्रशासन और नगर पालिका के चेयरमैन की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लाजिमी हैं. वहीं सरकार को उनके अधिकारी और जनप्रतिनिधि ही करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों में पालिका प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है. बावजूद इसके नगर पालिका प्रशासन अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

रेनवाल क्षेत्र में बन रही अवैध कॉन्प्लेक्स और कमर्शियल दुकानों के साथ-साथ मकानों पर जहां नगर पालिका प्रशासन को सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें ध्वस्त करना चाहिए या उन बिल्डिंगों को सील करना चाहिए. लेकिन यहां तो पालिका प्रशासन महज खानापूर्ति कर उन्हें बार-बार नोटिस देकर मौन स्वीकृति दे रहा है. इससे निर्माणकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं और धड़ल्ले से बेखौफ होकर अवैध निर्माण कर रहे हैं. लेकिन ऐसे अवैध निर्माणकर्ता पर ना तो नगरपालिका प्रशासन कार्रवाई कर रहा है और ना ही यहां के नगर पालिका चेयरमैन को अपने शहर को बेहतर बनाने की फिक्र है.

रेनवाल नगर पालिका क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों पर स्थानीय पार्षद और लोग लगातार प्रशासन से इन पर कार्रवाई करने को लेकर शिकायत करते हैं बावजूद दबाव में आकर नगरपालिका के अधिकारी और कर्मचारियों की ओर से इन पर कार्रवाई नहीं की जाती, ऐसे में रेनवाल को भी स्मार्ट सिटी बनाने का सपना धूमिल होता नजर आ रहा है. क्योंकि यहां के अधिकारी हर बार कार्रवाई करने का आश्वासन देते हैं पर कार्रवाई करने के नाम पर सिर्फ नोटिस थमा कर अवैध अतिक्रमण और निर्माण को बढ़ावा दे रहे हैं जिसके चलते इलाके में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है.

नगर पालिका प्रशासन की ओर से अवैध निर्माण को बढ़ावा देने का कार्य अगर ऐसा ही चलता रहा तो राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान भी होता रहेगा. स्मार्ट सिटी बनाने का सपना भी धरा का धरा रह जाएगा. सरकार को ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. ताकि मास्टर प्लान के अनुसार शहर का विकास हो सके और स्मार्ट सिटी का सपना साकार हो सके.

Reporter- Amit Yadav

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