RPSC RAS Exam: राजस्थान में आरपीएससी, आरएएस समेत कई प्रतियोगी परीक्षा में राजस्थान से संबंधित पूछे जानें वाले प्रश्नों को लेकर राजस्थान विधानसभा में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला बीते दिन बड़ी जानकारी दिए हैं. आखिर उन्होंने क्या कहा है जानें यहां-
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RPSC RAS Exam: राजस्थान में होने वाली भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने बीते कहा की राजस्थान में आरपीएससी, आरएएस समेत सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में राजस्थान की कला, विज्ञान, भाषा, संस्कृति और सामान्य ज्ञान से संबंधित करीब 30 से 40 प्रतिशत प्रश्न पूछ जा रहे हैं, ताकि राजस्थान के कैंडिडेट्स को अधिक से अधिक मौका प्रदेश में होने वाली भर्तियों में मिल सके.
आपको बता दें कि यह जानकारी शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने राजस्थान विधानसभा में दी थी. जिसके बाद से राजस्थान के कैंडिडेट्स राजस्थान के जीके समेत अन्य विषयों पर थोड़ा गंभीर हो गए थे.
शिक्षा विभाग से जुड़े शीर्ष सूत्रों की मानें तो राजस्थान लोक सेवा आयोग की भर्तियों में वर्ष 2012 से लेकर वर्ष 2022 तक राज्य से बाहर के मात्र 1.05 प्रतिशत व्यक्ति चयनित किए गए हैं. वहीं, कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से वर्ष 2014 से वर्ष 2022 तक केवल 0.90 प्रतिशत बाहर के कैंडिडेट्स को राजस्थान में जॉब्स मिली है.इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह राजस्थान से संबंधित प्रश्न पूछने से प्रदेश के मूल निवासियों को राजस्थान में होने वाली भर्तियों में नए अवसर मिल रहे हैं.
इन राज्यों की भाषा संविधान से मान्यता प्राप्त है
आपको बता दें कि कई राज्य ऐसे हैं जिनकी भाषा संविधान से मान्यता प्राप्त है. जबकि कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब और गुजरात आदि राज्यों ने भर्ती परीक्षाओं में अपने राज्य की सरकारी भाषा का प्रश्न पत्र अनिवार्य किया गया है. मान्यता मिलने के बाद राजस्थान में भी यही प्रक्रिया लागू कर दी जाएगी.अभी राज्य में आरएएस, बीडीओ, एईएन, जेईएन आदि की भर्ती परीक्षाओं राजस्थानी भाषा,साहित्य तथा लोक संस्कृति,पर्यटन आदि से जुड़े प्रश्न पूछे जा रहे हैं. स्टूडेंट्स इन्हीं विषयों की तैयारी में जुटे हुए हैं. और सिलेबस के अनुसार अपनी तैयारी करते हैं.
राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित
राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने राजस्थान की विधानसभा में बताया कि राज्य विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है, बहुत दिनों से ये मांग पूरे राजस्थान में चल रही थी,अब इस मामले में अंतिम निर्णय केंद्र के पास है. केंद्र इस मामले को कब तक क्लीयर करती है ये सबको बेसब्री से इंतजार है.