गौशाला को कुछ असमाजिक तत्वों ने अतिक्रमण बताकर किया हटाने का प्रयास, विरोध में आए ग्रामीण
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गौशाला को कुछ असमाजिक तत्वों ने अतिक्रमण बताकर किया हटाने का प्रयास, विरोध में आए ग्रामीण

खीचन गांव स्थित अस्थाई तौर पर गौभक्तों और ग्रामीणों के सहयोग से निराश्रित गौवंशों के संरक्षण उद्देश्य को लेकर संचालित राधाकृष्ण गौशाला को कुछ असमाजिक तत्वों का अतिक्रमण बता कर अब उसे हटाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके विरोध में खीचन गांव के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर फलोदी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. 

विरोध में आए ग्रामीण

 Phalodi: खीचन गांव स्थित अस्थाई तौर पर गौभक्तों और ग्रामीणों के सहयोग से निराश्रित गौवंशों के संरक्षण उद्देश्य को लेकर संचालित राधाकृष्ण गौशाला को कुछ असमाजिक तत्वों का अतिक्रमण बता कर अब उसे हटाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके विरोध में खीचन गांव के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर फलोदी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार फलोदी के निकटवर्ती ग्राम पंचायत खीचन में निराश्रित आवारा गौवंशो के संरक्षण के उद्देश्य से ग्रामीणों और गौभक्तों के सहयोग से अस्थाई तौर पर संचालित राधाकृष्ण गौशाला पर अब असमाजिक तत्वों की गिद्ध दृष्टि पड़ने लगी है. जिसके चलते इस गौशाला को जैसे तैसे अतिक्रमण का ओढ़ना ओढ़ाकर उसे हटाने की नाकाम कोशिश कुछ लोग कर रहे है.

जिसको लेकर गांव के प्रबुद्ध जनों ने महंत दयानंद गिरीजी महाराज के नैत्रत्व में एसडीएम डॉ अर्चना व्यास को ज्ञापन सौंपकर बेजुबानों के मुंह से निवाला नहीं छिनने की प्रार्थना की. प्राप्त जानकारी के अनुसार फलोदी के खीचन गांव स्थित राधाकृष्ण गौशाला में तकरीबन 100 से डेढ़ सौ निराश्रित गौवंशों की देखभाल हो रही है. जो इलाके में दर-दर भटकते प्रताड़ना का शिकार हो रहे थे. खीचन ग्रामीणों ने बताया कि खीचन गांव में संचालित इस गौशाला को खीचन गांव के ग्रामीणों ने अपनी सहमति और सहयोग से संचालित करने का बीड़ा उठाया है.

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जिसकी देखरेख का कार्य राधाकृष्ण मंदिर महंत दयानंद गिरीजी महाराज ने किया. उन्होंने कहा कि गौशाला में किसी भी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं है, लेकिन गांव के ही कुछ असमाजिक तत्व कहें या गौवंशों के मुंह का निवाला छिनने वाले लोग इस अस्थाई गौशाला को अतिक्रमण का नाम देकर गौशाला महंत दयानंद गिरीजी महाराज को परेशान कर रहे हैं. इतना ही नहीं इन लोगों ने गौशाला संचालक महंत दयानंद गिरीजी महाराज के नाम न्यायालय से एक नोटिस भी जारी करवा दिया. 

जिससे ये तो साफ हो ही जाता है कि गांव की इस जमीन पर इन असमाजिक तत्वों की गिद्ध दृष्टि पड़ी जो कभी नहीं चाहते कि यहां गौशाला संचालित हो. ज्ञापन में बताया गयाा कि इस अस्थाई गौशाला का संचालन केवल निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के उद्देश्यय से किया जा रहा है. एसडीएम डॉ अर्चना व्यास को ज्ञापन सौंप कर महंत दयानंद गिरीजी महाराज सहित खीचन गांव के ग्रामीणों और प्रबुद्धजनों के साथ बड़ी संख्या में युवाओं ने फलोदी विकास अधिकारी पन्नालाल माली को भी ज्ञापन सौंपा. 

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