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Jaisalmer News : जैसलमेर जिले के भारत-पाक सरहद पर स्थित तनोट माता मंदिर क्षेत्र में पर्यटन विस्तार के लिए बीएसएफ को निशुल्क भूमि आवंटन को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंजूरी दे दी है. जिससे अब बीएसएफ द्वारा यहाँ पर्यटन सुविधाओं में विस्तार के लिए विभिन्न निर्माण कार्य करवाए जाएंगे. राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत की आस्था के रूप में देखे तो सीएम गहलोत जब भी किसी काम की शुरुआत करते है या उनकी सरकार पर कोई संकट गहराता है तो वह तनोट माता के दर्शन को जरूर जाते हैं.
इसी के साथ विधानसभा चुनाव हो या सीएम का सामान्य जैसलमेर दौरा, वह जब भी जैसलमेर आते हैं तनोट माता के दर्शन को जरूर जाते हैं. गहलोत ने जब भी अपने ऊपर संकट गहराता देखा है वे जैसलमेर शहर से 120 किलोमीटर दूर भारत-पाक सीमा पर स्थित सैनिकों की देवी व थार की वैष्णो देवी के नाम से विख्यात तनोट माता के दरबार में हाजिर हो जाते है और उनकी आस्था के चलते माताओं ने आज तक निराश नहीं करती आई है. इस कारण ही तनोट को सीएम गहलोत की संकटकालीन राजधानी भी माना जाता है और राजनीतिज्ञों का भी मानना है कि माता तनोट जहां हर बार उनके संकट हरती है वही गहलोत ने भी अपनी इसी आस्था के चलते तनोट को पर्यटन से जोड़ने के लिए BSF को यह भूमि नि:शुल्क आवंटित की है.
सीएम गहलोत की स्वीकृति से पर्यटक, मंदिर में दर्शन के साथ ही यहां बनने वाले इंटरप्रिटेशन सेंटर में सेना के अस्त्र-शस्त्र, स्थानीय कला व संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को जान सकेंगे. इसके साथ ही बड़ी फोटो गैलरी भी यहां लगाई जाएगी जिसमे सेना के शौर्य के साथ ही देश- विदेश की प्रमुख हस्तियों द्वारा की गई यहाँ की यात्रा की झलक भी देखने को मिलेगी. यहां पर्यटकों के लिए प्रतिक्षालय, कैफेटेरिया और पार्किंग एरिया भी विकसित किया जाएगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने जिले के सम तहसील के ग्राम पंचायत तनोट में राजस्थान भू राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के तहत 2. 9 बीघा भूमि निशुल्क आउटन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. जिससे यहां तनोट माता के दर्शन के साथ ही पर्यटकों को 1971 के हुए युद्ध के शौर्य के साक्ष्य भी देखने को मिलेंगे वही पर्यटन को भी पर लगेंगे. तनोट वर्षों से देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं इसलिए पर्यटन की दृष्टि से इस स्थान पर सुविधाओं का विकास अति आवश्यक है और जिसको लेकर बीएसएफ द्वारा भी राज्य व केंद्र सरकार से कई बार मीटिंगे में की गई थी.
सैनिकों की देवी कहलाई जाने वाली तनोट माता के मंदिर में बीएसएफ के जवान ही संपूर्ण मंदिर की देखरेख करते हैं और बीएसएफ द्वारा ही यहां पूजा पाठ व लंगर का आयोजन किया जाता है. यहां प्रतिदिन हजारों दर्शनार्थी माता तनोट के दर्शन को आते हैं वही प्रतिवर्ष नवरात्रों में माता के दरबार में भक्तों का भारी हुजूम देखने को भी मिलता है.
भारत-पाक सरहद पर बने तनोट माता मंदिर के लिए नीति आयोग द्वारा 17.67 करोड़ रुपए की मंजूरी दी जा चुकी है. जिसकी आधारशिला बीते कुछ माह पहले ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा तनोट माता मंदिर परिसर में रखी जा चुकी है. जिससे सैलानियों के लिए इस इलाके में पर्यटन के नए आयाम स्थापित किए जाएंगे. जिसमे सैलानियों के लिए BSF की ओर से डोक्यूमैंटरी हथियार प्रदर्शनी,फोटो गैलरी,मोर्टार,युद्ध मे प्रयुक्त वाहन,दुश्मन देश की टेकें आदि प्रदर्शनी के लिए लगाई जाएगी.
बतादे कि पर्यटन विभाग प्रदेश में बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए काफी समय से प्रयास कर रहा है. इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन मंत्रालय और BSF के बीच कई बैठके भी हुई है. पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तनोट कॉम्प्लेक्स को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए राजस्थान पर्यटन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसके लिए 17.67 करोड़ रुपए मंजूर किए है. वही सीएम गहलोत की सौगात से अब सरहद पर सैलानियों को भारत-पाक युद्ध की वीर गाथा के बारे में भी जानकारी मिल पाएगी.
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