सीमा सुरक्षा के साथ-साथ बेजुबानों की देखभाल कर रहे बीएसएफ जवान
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सीमा सुरक्षा के साथ-साथ बेजुबानों की देखभाल कर रहे बीएसएफ जवान

सरहद पर तपते रेगिस्तान के बीच 50 डिग्री के तापमान में जहां इंसानों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, रेगिस्तान की रेतीली भूमि पर पड़ रही भीषण गर्मी में सीमा सुरक्षा बल के जवान ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके साथ ही बेजुबानों की देखरेख भी कर रहे हैं.

 सीमा सुरक्षा के साथ-साथ बेजुबानों की देखभाल कर रहे बीएसएफ जवान

जैसलमेर: सरहद पर तपते रेगिस्तान के बीच 50 डिग्री के तापमान में जहां इंसानों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. वहीं, रेगिस्तान की रेतीली भूमि पर पड़ रही भीषण गर्मी में सीमा सुरक्षा बल के जवान ड्यूटी पर तैनात हैं. इसके साथ ही बेजुबानों की देखरेख भी कर रहे हैं. भारत-पाकिस्तान की जैसलमेर से लगती सीमा पर सीमा सुरक्षा बल ने एक अनूठा मिशन चलाया है.इस मिशन को नाम "मिशन दाना-पानी" दिया है.

भारत-पाकिस्तान सरहद पर दूर दूर बियाबान रेगिस्तान में नो मैन्स लैंड है. सीमा सुरक्षा बल की कड़ी निगरानी में परिंदा भी सीमा पार से पर नहीं मार सकता.वहीं सरहद पर भारत की पहली रक्षा पंक्ति सरहद पर उनके साथ रह रहे सैकड़ों हजारों पक्षियों और मूक पशुधन की भी निगहबान बनी हुई है.सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवान मुस्तैदी के साथ ड्यूटी करते हैं और सीमा पर तारबंदी के आस-पास नो मेन्स लैंड होने की वजह से आदमी दूर-दूर तक नजर नहीं आता है.ऐसे में वहां उड़ने वाले पक्षियों के लिए दाना पानी और पशुओ के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है.सीमा सुरक्षा बल ने सरहद के साथ-साथ इन मूक पशु-पक्षियों के लिए भी रखवाली का बीड़ा उठाया है.

भारत पाकिस्तान सरहद पर पल रहे सैकड़ों हजारों पक्षियों को इस भीषण गर्मी में पानी और दाने की वजह से जान नहीं गंवानी पड़े. इसको लेकर सीमा सुरक्षा बल ने ये अनूठा मिशन चलाया है. सरहद पर पल रहे सैकड़ों हजारों पशु-पक्षियों के लिए BSF के जवान फरिश्तों से कम नहीं हैं. जवान इन पशु पक्षियों के लिए सीमा चौकी पर ही दाना पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. इस भीषण गर्मी में परिंदों को दाना-पानी के लिए मीलों भटकना नहीं पड़े इसके लिए सीमा सुरक्षा बल ने पक्षियों के लिए अपने यहां ही दाना और पानी की पूरी व्यवस्था की है. सुबह और शाम इन पक्षियों को दाना-पानी खिलाया पिलाया जाता है. ये पक्षी अब इन जवानों के भी परिचित हो गए हैं और इनकी एक आवाज में ही उड़कर भोजन करने आ जाते हैं. इसे एक मिशन की तरह लिया गया है और इस मिशन का नाम ही दाना-पानी रखा गया है.वही सरहद पर घूम रहे पशु के लिए पानी की व्यवस्था कर रहे है.

Reporter- Shankar dan

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