सरहदी जिले में कई बार स्कूली बच्चों को ले जा रहे ऐसे वाहनों के हादसे भी हो चुके हैं. बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वाहनों के चालकों और संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.
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Pokaran: सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर गंभीर है, लेकिन स्कूलों तक आवागमन के दौरान सुरक्षा को लेकर मानो आंखें मूंदकर बैठी है. स्कूली बसों और छोटे वाहनों में बच्चों को ओवरलोड बिठाकर यात्रा करवाने के नजारे आए दिन देखने को मिल रहे हैं.
सरहदी जिले में कई बार स्कूली बच्चों को ले जा रहे ऐसे वाहनों के हादसे भी हो चुके हैं. बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण वाहनों के चालकों और संचालकों के हौसले बुलंद हो रहे हैं.
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से स्कूली बच्चों को घरों से स्कूल तक लाने और ले जाने वाले वाहनों के लिए नियम बनाए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इन नियमों की स्कूली बच्चों को ले जाने वाले वाहन चालक खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. निजी वाहनों के साथ ही मालवाहक वाहनों में भी बच्चों को बिठाकर सफर करवाया जा रहा है. ऐसे में कभी भी किसी बड़े हादसे से इनकार भी नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि गत फरवरी माह में फलसूंड से जैतपुरा जाने वाले मार्ग पर स्कूली बस के पलट जाने के कारण 2 बच्चों की मौत हो गई थी और 30 से अधिक बच्चे घायल हो गए थे.
ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चे वाहनों से सफर कर स्कूल पहुंचते हैं. बच्चों को लाने और ले जाने के लिए कई मालवाहक वाहन उपयोग में लिए जा रहे हैं. उसमें भी बच्चों को ओवरलोड बिठाया जा रहा है. इतना ही नहीं वाहन में बच्चों के बैठने की बजाय मात्र पैर रखने की जगह मिलती है. उन्हें घर से स्कूल और स्कूल से घर तक वाहन में खड़े खड़े ही सफर करना पड़ता है. लाठी क्षेत्र में कई ऐसे वाहन पुलिस थाने के आगे से निकलते हैं. लाठी राष्ट्रीय राजमार्ग-11 पर स्थित है और क्षेत्र में बड़ी संख्या में राजकीय और निजी विद्यालय स्थित है, जिसमें सैकड़ों बच्चे पढ़ते हैं.
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