दीपावली से पहले सरकार का 120 गांवों को तोहफा, सिणधरा बांध से पानी छोड़ने की मंजूरी
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दीपावली से पहले सरकार का 120 गांवों को तोहफा, सिणधरा बांध से पानी छोड़ने की मंजूरी

दीपावली से पहले गहलोत सरकार ने 120 गांवों को बड़ा तोहफा देते हुए सिणधरा बांध से पानी छोड़ने की मांग मंजूर कर ली है. दीपावली से पहले बांध से पानी छोड़ दिया जाएगा.

दीपावली से पहले सरकार का 120 गांवों को तोहफा, सिणधरा बांध से पानी छोड़ने की मंजूरी

Jalore: सिणधरा बांध से बांडी नदी में पानी छोड़ने को लेकर किसानों का संघर्ष रंग लाया. दीपावली से पहले गहलोत सरकार ने 120 गांवों को बड़ा तोहफा देते हुए सिणधरा बांध से पानी छोड़ने की मांग मंजूर कर ली है. दीपावली से पहले बांध से पानी छोड़ दिया जाएगा.

इसके साथ बांध के 12 गेट बनाने, क्षतिग्रस्त नहरों के निर्माण के लिए बजट आवंटित करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर निशांत जैन की ओर से किसानों की मांगों को मुख्यमंत्री को भेजकर परीक्षण कराया जाएगा. इस दौरान जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने पूरे मामले में पैरोकार की भूमिका निभाई. किसानों की मांग का पूरा मामला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ध्यान में था. दो दिन पहले खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कलेक्टर से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मंगाई थी. इस वजह से ही प्रशासन ने 16 साल से परेशान हो रहे किसानों की मांगे तुरंत मंजूर कर ली.

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इससे पहले बांडी सिणधरा संघर्ष समिति के बैनर तले सैंकड़ों किसान बुधवार सवेरे 11 बजे से कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठ गए. संघर्ष समिति के प्रमुख सेवादार श्रवण सिंह राठौड़ ने सरकार को चेताया कि मांगे नहीं मानी तो हजारों किसानों के साथ चक्का जाम किया जाएगा. थोड़ी देर बाद जालोर उपखंड अधिकारी मांग पत्र लेने के लिए धरना स्थल पर आए. वहां श्रवण सिंह राठौड़ के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा. इसके बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने वार्ता के किसान प्रतिनिधि मंडल को कलेक्ट्रेट बुलाया.

दो दौर की हुई वार्ता

किसानों का प्रतिनिधि मंडल श्रवण सिंह राठौड़ के नेतृत्व में अतिरिक्त जिला कलेक्टर के कार्यालय में पहुंचा. जिसमें जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे. किसान नेता श्रवण सिंह राठौड़, किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रम सिंह पूनासा, बद्रीदान चारण, हरदान सिंह भागलसेफता, मग सिंह चौहान, श्रवण ढाका, गिमर सिंह, टीकम सिंह ने पानी छोड़ने की मांग रखी. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 10 प्रतिशत पानी छोड़ने की ही सहमति दी. इस पर बांडी संघर्ष समिति के प्रमुख सेवादार श्रवण सिंह राठौड़ ने वार्ता को नामंजूर कर उठने लगे. इसके बाद एडीएम राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने तुरंत कलेक्टर निशांत अग्रवाल से बात की.

तुरंत मांगे मंजूर कीं

किसानों का प्रतिनिधि मंडल दूसरे दौर की वार्ता के लिए श्रवण सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कलेक्टर निशांत जैन से मिले. कलेक्टर ने किसानों की मांगे बिल्कुल वाजिब है. उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की दलील को खारिज करते हुए बांध से पानी छोड़ने के लिए सहमति दी. उन्होंने प्रक्रिया शुरू करते 20 अक्टूबर को जल वितरण कमेटी की मीटिंग में इस बारे में अधिकृत निर्णय लेने का भरोसा दिलाया. श्रवण सिंह राठौड़ ने बताया कि कलेक्टर निशांत जैन ने दीवावली से पहले 33 प्रतिशत पानी छोड़ने का आश्वासन दिया है. 

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किसानों ने सरकार का जताया आभार 

बांडी सिणधरा बांध संघर्ष समिति के प्रमुख सेवादार श्रवण सिंह राठौड़ ने 120 गांवों के लाखों किसानों की भावना के अनुरूप निर्णय करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर और कलेक्टर निशांत जैन का आभार व्यक्त किया. राठौड़ ने कहा कि किसान हित में लिए गए इस निर्णय से बांडी नदी के बहाव क्षेत्र के 120 गांवों में भूमिगत जल स्तर बढ़ने की आस जगी है.

आंदोलन में किसान संघर्ष समिति के संयोजक विक्रम सिंह पूनासा, बद्रीदान चारण, प्रताप आंजणा, गिमर सिंह कोटकास्ता, श्रवण ढाका, लेदरमेर सरपंच रेखाराम प्रजापत, कावतरा सरपंच गजेंद्र सिंह चम्पावात, भरुडी सरपंच नागजीराम देवासी, पूर्व सरपंच मग सिंह दासपां, कोमता के पूर्व सरपंच गोमाराम चौधरी, कोरा के पूर्व सरपंच गोमाराम चौधरी, किसान ओटाराम माली, जेठू सिंह कुशलापुरा, फूलाराम मेघवाल, वाग सिंह सोलंकी, टीकम सिंह राणावत, मंगलाराम पुरोहित भागलसेफ्टा, चुन्नीलाल पुरोहित दासपां, नाथूराम लुहार, राजेन्द्र पुरोहित खानपुर, खोजा खान लेदरमेर, दिने खान, मंगलाराम सुथार, वचनाराम भील, रणजीत सिंह भगलसेफ्टा, भलाराम माली, विजय सिंह जुंजाणी समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

Reporter- Dungar Singh

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