जालोर जिले के भीनमाल निकटवर्ती तवाव गांव के सोमता रोड ग्रेवल सड़क से सटे एक कृषि फार्म पर एक 12 वर्षीय निंबाराम बंद बोरवेल में खेलते समय गिर गया, लेकिन एक देशी जुगाड़ से 45 मिनट में ही उसे रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. बच्चा बोरवेल में करीब 90 फीट पर फंसा हुआ था.
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Bhinmal: राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल निकटवर्ती तवाव गांव के सोमता रोड ग्रेवल सड़क से सटे एक कृषि फार्म पर एक 12 वर्षीय निंबाराम बंद बोरवेल में खेलते समय गिर गया, लेकिन एक देशी जुगाड़ से 45 मिनट में ही उसे रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. बच्चा बोरवेल में करीब 90 फीट पर फंसा हुआ था. मौके पर पहुंचे एक्सपर्ट माधाराम सुथार ने देशी जुगाड़ से 45 मिनट में बच्चे को सकुशल बाहर निकाल दिया.
दरअसल, तवाव गांव में घर के सभी परिजन गांव में आयोजित प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान बालक घर पर अकेला था और खेलते- खेलते बालक गिर गया. बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही दर्जनों ग्रामीणों की भीड़ जुट गई और परिजनों के हाथ-पैर फूल गए. घटना की सूचना पर पुलिस प्रशासन, चिकित्सा विभाग और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे.
जानकारी मुताबिक, तवाव गांव में तवाव निवासी बालक निंबाराम (12) पुत्र जोताराम कलबी गिर गया था. उसके परिजन गांव में आयोजित प्रतिष्ठा महोत्सव में शिरकत करने के लिए गए हुए थे. पीछे से वह बालक घर पर अकेला था. बोरवेल 220 फीट गहरा था और बालक 90 फीट की गहराई पर अटका हुआ था. सूचना मिलते ही रामसीन तहसीलदार मेहराराम चौधरी, भीनमाल डीएसपी सीमा चौपड़ा, थानाधिकार लक्ष्मणसिंह चंपावत, रामसीन थानाधिकारी अवधेश सांदु समेत पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा.
बोरवेल में 2 घंटे दी ऑक्सीजन सप्लाई
बोरवेल में गिरे बालक को डॉ. चौधरी ने बच्चे को ऑक्सीजन सप्लाई देने के ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए फोन किए, जिस पर त्रिवेणी हॉस्पीटल की टीम दो सिलेंडर लेकर पहुंची. 1.45 मिनट तक बच्चे को नली के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की. बच्चे को जालोर राजकीय अस्पताल में भर्ती किया गया. कलेक्टर निशांत जैन ने अस्पताल पहुंच कर बच्चे की स्वास्थ्य जानकारी ली.
निंबाराम ने नहीं हारी हिम्मत
बोरवेल में गिरे निंबाराम ने अपनी हिम्मत नहीं हारी. बोरवेल संकरा होने से बालक हाथ और शरीर के अंग नहीं हिला पा रहा था. इधर, बच्चा नहीं घबराए इसके लिए बच्चे के रिश्तेदार उससे नियमित बात कर रहे थे. बालक बार-बार अंदर गर्मी लगने के कारण पानी मांग रहा था.
माधाराम ने देशी जुगाड़ से बच्चे को निकाला बाहर
प्रशासन और ग्रामीणों ने बच्चे को रस्से के सहारे निकालने का काफी प्रयास किए, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. सूचना पर मेड़ा निवासी माधाराम सुथार मौके पर पहुंचे और माधारम का देशी जुगाड़ काम आया. पहले कैमरा भेजकर बच्चे की स्थिति पता की, उसके बाद रस्सी और पाइप से बने जुगाड़ को भेजा, फिर पहले रस्सी को खींचकर टाइट किया और उसके बाद पाइप के सहारे बच्चे को बाहर निकालने में सफलता हासिल की. 5.40 मिनट पर बच्चें को बाहर निकाला, फिर उसे हॉस्पीटल पहुंचाया. बच्चे को महज 45 मिनट में देशी जुगाड़ से रेस्क्यु कर बाहर निकालने पर प्रशासन ने माधाराम सुथार की पीठ थपथपाई.
जिले के सांचौर क्षेत्र के एक गांव में भी गत साल नवंबर महीने में खुले बोरवेल में गिरे 3 साल के बालक अनिल देवासी को भी माधाराम ने जुगाड़ से सकुशल बाहर निकाला था. वहां पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम ने भी हाथ खड़े कर दिए थे, लेकिन माधाराम ने 45 मिनट में बालक को बाहर निकाल दिया था. माधाराम सुथार को इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री गहलोत ने भी सम्मानित किया था. साथ हीं, उनकी कला को आगे बढ़ाने के लिए माधाराम ने एसडीआरएफ को भी पांच दिन का प्रशिक्षण दिया हुआ है.
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