जालोर- सिणधरा बांध से बांडी नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों का धरना
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जालोर- सिणधरा बांध से बांडी नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों का धरना

 जिले के सिणधरा बाध से बांडी नदी में नहर के रास्ते से तत्काल पानी छोड़ने की मांग को लेकर भीनमाल उपखंड कार्यालय के बाहर 40 गांवों के किसान प्रतिनिधियों ने धरना दिया.

जालोर- सिणधरा बांध से बांडी नदी में पानी छोड़ने की मांग को लेकर किसानों का धरना

 

जालोर: जिले के सिणधरा बाध से बांडी नदी में नहर के रास्ते से तत्काल पानी छोड़ने की मांग को लेकर भीनमाल उपखंड कार्यालय के बाहर 40 गांवों के किसान प्रतिनिधियों ने धरना दिया. किसानों ने मांग रखी कि बांध में स्टोरेज कुल पानी में से 33 प्रतिशत पानी अभी नदी में छोड़ा जाए, जिससे बारिश के इस अमूल्य पानी से बांडी नदी के दोनों किनारे गांवों में ट्यूबवेल और कुओं का जलस्तर रिचार्ज हो सकें. भीनमाल उपखण्ड कार्यालय के बाहर एकत्रित 40 गांवों के किसान प्रतिनिधियों ने दो घंटे तक सभा की और आंदोलन तेज करने की रणनीति बनाई.

इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण सिंह राठौड़, किसान नेता वाग सिंह, कोटकास्ता सरपंच रेखाराम प्रजापत और ओटाराम माली के नेतृत्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम पर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया गया. सभा में सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण सिंह राठौड़ ने चेताया कि प्रशासन ने सात दिन के अंदर बांडी नदी में बांध का पानी नहीं छोड़ा तो सैकड़ों किसानों के साथ जालोर जाकर कलेक्टर आफिस का घेराव किया जाएगा.

राठौड़ ने कहा कि इस बांध में एकत्रित पानी में 33 प्रतिशत पानी नदी में तत्काल छोड़कर पूर्व में हो रखे समझौते की पालना की जाए. राठौड़ ने राज्य सरकार से मांग की की तकनीकी खामी वाला बिना गेट का बांध बनाने और इस प्राकृतिक बहाव को बंद कर नदी की हत्या करने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

मांगें पूरी नहीं होने पर कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी

राठौड़ ने कहा कि ये गैर राजनीतिक आंदोलन है और ये अब रामसीन के आपेश्वर महादेव जी के नेतृत्व में ही चलाया जाएगा. किसान नेता गीमर सिंह कोटकास्ता ने कहा कि इस सिणधरा बांध के पानी का कोई उपयोग नहीं है. इस बांध की वजह से नदी में पानी रुक जाने की वजह से इलाके में खेती - किसानी खत्म हो गयी और किसान बर्बाद हो गए. किसान नेता वाग सिंह खानपुर ने कहा कि सिणधरा बांध से पानी बांडी नदी में नहीं छोड़ा गया तो निर्णायक आंदोलन किया जाएगा. समाजसेवी टीकम सिंह निम्बावास ने कहा कि पानी के मुद्दे पर हम सभी किसान एकमत है और मिलकर लड़ाई लड़ी जाएगी.

धरना प्रदर्शन में ये लोग थे मौजूद

कार्यक्रम को सीएल गहलोत, जयंतीलाल घांची, एडवोकेट श्रवण ढाका, महेंद्र सिंह दासपां, दुर्गेश पुरोहित भादरडा, कावतरा सरपंच गजेंद्र सिंह चम्पावात ने भी सम्बोधित किया. धरने में मंच का संचालन एडवोकेट श्रवण ढाका ने किया. धरने में पूर्व चेयरमैन हीरालाल बोहरा, भीम सिंह राणावत, कुशलापुरा के सद्दाम हुसैन, मालाराम कोटकास्ता, मालम सिंह लेडरमेर, बगदाराम मेघवाल खानपुर, उगम सिंह चम्पावत दासपां, प्रह्लाद सिंह, चीकू सिंह चम्पावत, जोईताराम पुरोहित घासेड़ी, खेताराम चौधरी, अन्नाराम बागरी, कपूराराम माली, जेठू सिंह भागलभीम, नटवर सिंह चम्पावत दासपां, पूर्ण सिंह देवड़ा कावतरा, आंसू सिंह खानपुर, उदाराम माली, डूंगर सिंह रावणा राजपूत समेत बड़ी संख्या में किसान प्रतिनिधि मौजूद रहे.

Reporter- Dungar Singh

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