संचौरः कीर्ति स्तंभ के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित, भगवान अभिनंदन स्वामि ने ली दीक्षा
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संचौरः कीर्ति स्तंभ के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित, भगवान अभिनंदन स्वामि ने ली दीक्षा

जालोर के संचौर में क्षेत्र के हाड़ेचा गांव में चल रही जैन मंदिर कीर्ति स्तंभ अंजनशलाका की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अयोध्या नगरी के विनितानगरी पंचकल्याणक मंडप में स्टेज कार्यक्रम में अयोध्या नगरी के राजा संवर के पुत्र अभिनंदन स्वामि के जन्म से लेकर दीक्षा लेने तक का चित्रण किया गया.

संचौरः कीर्ति स्तंभ के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव आयोजित, भगवान अभिनंदन स्वामि ने ली दीक्षा

Sanchore: जालोर के संचौर में क्षेत्र के हाड़ेचा गांव में चल रही जैन मंदिर कीर्ति स्तंभ अंजनशलाका की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अयोध्या नगरी के विनितानगरी पंचकल्याणक मंडप में स्टेज कार्यक्रम में अयोध्या नगरी के राजा संवर के पुत्र अभिनंदन स्वामि के जन्म से लेकर दीक्षा लेने तक का चित्रण किया गया. दीक्षा का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. तारक मेहता का उलटा चश्मा के पूर्व डायरेक्टर धर्मेश मेहता के निर्देशन में हो रहे स्टेज कार्यक्रम के दौरान आज जैन संत विजय सोमसुंदर सुरी, विजय राजशेखर सूरी, विजय रत्नाकर सूरी व विजय योग तिलक सूरी महाराज के सानिध्य में भगवान अभिनंदन स्वामि का दीक्षा स्नान व भगवान के दीक्षा कल्याणक का वरघोड़ा निकाला गया. जिसमें हाथी पर बैठकर गाजे बाजे के साथ भगवान के माता पिता मंडप तक पहुंचे. जिसके बाद माता - पिता द्वारा दीक्षा की आज्ञा संदेश, आर्शीवाद, बहने द्वारा दीक्षा की शुभकामनाएं, कुलमहत्तरा द्वारा दीक्षा की शुभाशीष व गुरु भगवंत द्वारा दीक्षा विधि को पूरी की गई. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.
अयोध्या नगरी को देखने के लिए उमड़ रही है भीड़

हाड़ेचा गांव में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है. जिसको देखने के लिए आसपास के गांवों के हजारों लोग पहुंच रहे है. वहीं प्रति दिन 12 से लेकर 15 हजार लोगों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है. बीते चार दिनों से हो रहे कार्यक्रम व अयोध्या नगरी को देखने के लिए आ रहे लोगों को नियंत्रित करने के लिए करीबन ढाई सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी व 200 निजी सुरक्षाकर्मी लगे हुए है.
इस प्रकार रहे कार्यक्रम

बुधवार को सुबह की नवकारशी अयोध्या नगरी में लाभार्थी वीरादेवी रतनचन्द माणकचन्द भंसाली की तरफ से थी. दोपहर की नवकारशी प्यारीदेवी किशनलाल रायेगंजी भंसाली की तरफ से रही. जबकि शाम की नवकारशी देवलबेन जीवराज जेसा छाजेड़ कमाणी परिवार की तरफ से रही. वहीं इस कार्यक्रम में कल्याणक मंडप में प्रतिष्ठा की जाजम व प्रतिष्ठा के सभी शेष चढ़ावें, रथ यात्रा के चढ़ावें, जाजम बिछाना के लाभार्थी तारादेवी पारसमल मुलतानम अंगारा परिवार रहे. वहीं श्री संघ के मुनिमजी के लाभार्थी शा पुखराज हंजारीमल भंसाली रहे.
भगवान के माता पिता बने बाबू लाल भंसाली व धुड़ी देवी

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान अभिनंदन स्वामि के माता-पिता की भूमिका शा बाबुलाल मिश्रीमल भंसाली ने निभाई. वहीं इन्द्र इन्द्राणी के लाभार्थी पारूदेवी चुन्नीलाल भूताजी छाजेड़ परिवार, चार इन्द्र इन्द्राणी कुलमहतरा की भूमिका सागरमल नगराज अंगारा, छड़ीदार में बाबुलाल मिश्रीमल भंसाली, पारसमल मानमल मेहता, सेनापति के लाभार्थी समुदेवी चुन्नीलाल हाजाजी मेहता, भगवान अभिनंदन स्वामि की बहन विजुदेवी कनकराज, कुंकुम चोपडा दोशी, महामंत्री गवरीदेवी रायमल दोशी, दो चेले कोषाध्यक्ष मेहता इंजारीमल उकाजी छाजेड, नगरसेठ के लाभार्थी टीपुदेवी प्रेमचन्द खेमाजी मेहता परिवार रहा.

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