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Khetri: झुंझुनूं के खेतड़ी के भीम सिंह नायक ने एक ऐसी मिशाल पेश की हैं. जहां उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे ईंट, पत्थर कंक्रीट के जंगल फैलने से वन और पर्यावरण पर खतरा मंडराने लगा है.
जिससे वन्यजीवों की प्रजातियां लुप्त होती जा रही है और उनके जीवन पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है. अगर मानव जाति वन और पर्यावरण के प्रति जागरूकता रखें, तो वन्यजीवों के जीवन को भी बचाया जा सकता है.
बता दें कि भीम सिंह नायक वन्य जीवों के प्रति काफी लगाव रखते हैं और उनकी सेवा कर सुरक्षा का जिम्मा उठा रहे हैं. खेतड़ी के वार्ड नंबर 10 के मूल निवासी भीम सिंह मेहनत मजदूरी का कार्य करते हैं. जब अरावली की पहाड़ियों में वे मजदूरी करने गए थे. तब भोपालगढ़ की तलहटी में उन्हें 1 महीने पहले एक घायल कछुआ मिला था. जिसे वे अपने साथ घर ले कर आ गए.
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साथ ही बताया कि एक महीने तक उन्होने घायल कछुए की तीमारदारी की और जब कछुआ ठीक हुआ, तो भीम सिंह ने कछुए को वन विभाग के अधिकारी एसीएफ गुलज़ारीलाल, रेंजर विजय फगेड़िया के सुपुर्द किया. वहीं गुलजारीलाल ने बताया कि अगर हर आम आदमी वाइल्ड एनिमल के प्रति जागरूक होकर अपनी सहभागिता निभाएं तो जंगल भी हरे भरे रहेंगे और वाइल्ड एनिमल भी किताबों में नहीं धरती पर दिखाई देंगे.
अब इस सेहतमंद हो चुके कछुए को किसी बांध में छोड़ा जाएगा. जहां वो सहजता से रह सके. भीम सिंह नायक पहले भी एक राष्ट्रीय पक्षी मोर को कुत्तों से छुड़ाकर उसकी जान बचा चुके हैं, भीम सिंह नायक ने चाइनीज मांझे का शिकार हुए कई कबूतरों और तोतों को भी बचाया है और खुले आसमान में छोड़कर सच्चा पर्यावरण प्रेमी होने का सबूत दिया है.
Reporter- Sandeep Kedia
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