Jhunjhunu News: ईआरसीपी की तरह यमुना जल को लेकर समझौता होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 28 फरवरी को शेखावाटी में तीन आभार जनसभाओं को संबोधित करेंगे. इस ऐतिहासिक फैसले पर पूरी शेखावाटी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताना चाहती है.
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Jhunjhunu News: ईआरसीपी की तरह यमुना जल को लेकर समझौता होने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 28 फरवरी को शेखावाटी में तीन आभार जनसभाओं को संबोधित करेंगे. पहली सभा खेतड़ी, दूसरी नवलगढ़ और तीसरी जनसभा सीकर जिले के श्रीमाधोपुर में होंगी.
सभा की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए सोमवार को जलदाय मंत्री सुरेश रावत झुंझुनूं पहुंचे. जिला पहुंचने पर भाजपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य विश्वंभर पूनियां की अगुवाई में रावत का स्वागत हुआ. सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रावत ने कहा कि, 30 साल से अटके यमुना पानी को लेकर प्रकरण को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डीपीआर के एमओयू तक कुछ दिनों में ही पहुंचा दिया है. जल्द ही यमुना का पानी शेखावाटी में आएगा.
इस ऐतिहासिक फैसले पर पूरी शेखावाटी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताना चाहती है. इसलिए 28 फरवरी को खेतड़ी, नवलगढ़ और श्रीमाधोपुर में आभार जनसभा होगी. उन्होंने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इस मामले को लेकर कहा कि, शेखावाटी के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. शेखावाटी के हिस्से का पूरा पानी उन्हें दिलाया जाएगा. चार महीने में इसकी डीपीआर तैयार हो जाएगी. जो केंद्रीय जल बोर्ड में प्रस्तुत होगी. इसके बाद दोनों राज्यों की सहमति के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा.
अभी क्या है हाल
वर्तमान में इस परियोजना की अनुमानित लागत राशि 29 हजार 500 करोड़ है. वहीं तीन 260 किलोमीटर लंबी और बड़ी पाइप लाइनों से पानी शेखावाटी तक लाया जाएगा. एक पाइप लाइन से हरियाणा- राजस्थान के बॉर्डर पर हरियाणा के इलाकों में पानी सप्लाई होगा. झुंझुनूं में बड़ा स्टोरेज बनेगा. तो वहीं हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तीन बांध भी बनाए जाएंगे. जिसमें भी राजस्थान अपने हिस्से का पैसा देगा.
उन्होंने बताया कि, इस पानी से ना केवल पीने का, बल्कि सिंचाई का पानी भी मिलेगा. इस पानी से अतिरिक्त फायदा यह होगा कि स्टोरेज के कारण इलाके के कुएं और ट्यूबवैल रिचार्ज होने के साथ- साथ उर्जा संयत्र भी लगाया जाएगा. ताकि 150 मेगावाट तक की बिजली का उत्पादन किया जा सके. पानी की आवक और वितरण का लेखा जोखा आधुनिक एस्कोडा तकनीक से रखा जाएगा. जिससे पानी पूरी तरह मिला और पूरी तरह वितरित हुआ. यह सुनिश्चित होगा.
उन्होंने बताया कि इस एमओयू और डीपीआर में यह भी चीज शामिल की गई है कि यदि तीन जिलों के अलावा अन्य जिलों को भी यह पानी चाहिएगा तो राजस्थान यह कर सकेगा. वहीं जुलाई से अक्टूबर तक यमुना नदी का ओवरफ्लो पानी प्रचूर मात्रा में मिलेगा. इसके अलावा नवंबर से जून तक भी पाइपों के जरिए पानी पर्याप्त मात्रा में मिलेगा.