झुंझुनूं की वीरांगना ने पति ही नहीं बेस्ट फ्रेंड को भी खोया, शहीद का हुआ अंतिम संस्कार
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झुंझुनूं की वीरांगना ने पति ही नहीं बेस्ट फ्रेंड को भी खोया, शहीद का हुआ अंतिम संस्कार

Jhunjhunu martyr last rites: झुंझुनूं में शहीद नायब सूबेदार देवकरण सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. नौ किलोमीटर तक युवाओं के साथ लगाए देवकरणसिंह अमर रहे के नारे लगाए.

झुंझुनूं की वीरांगना ने पति ही नहीं बेस्ट फ्रेंड को भी खोया, शहीद का हुआ अंतिम संस्कार

Jhunjhunu martyr last rites: झुंझुनूं के एक और जवान ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी है. मलसीसर उपखंड की कालियासर ग्राम पंचायत के ढाणी बुरकड़ान निवासी नायब सूबेदार देवकरण सिंह ने देश सेवा में शहादत दी है.जिनका आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.इससे पहले ना केवल ग्रामीणों ने, बल्कि पास पड़ौस के युवाओं ने शहीद देवकरण सिंह के अंतिम दर्शन करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए. 

नौ किलोमीटर निकाली लंबी तिरंगा यात्रा
साथ ही मलसीसर से लेकर उनके गांव तक, करीब नौ किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली.इस तिरंगा यात्रा में शहीद की पत्नी वीरांगना अंजू भी साथ रही.जिन्होंने अपने शहीद पति के अमर रहे के नारे लगाए.

कैसे हुई मौत
 जानकारी के मुताबिक कारगिल में तैनात देवकरण सिंह को 13 फरवरी को सांस लेने में तकलीफ हुई थी.वे कारगिल की ऊंची पहाड़ी पर आपरेशन रक्षक के तहत ड्यूटी कर रहे थे.सांस लेने की तकलीफ होने पर उन्हें एयर लिफ्ट के जरिए मिलट्री अस्पताल कारगिल लाया गया.जहां पर उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें हायर सेंटर मिलट्री अस्पताल उधमपुर भेजा गया.लेकिन वहां पर रविवार सुबह उनकी शहादत हो गई. 

गांव पहुंचा पार्थिव देह
सोमवार को उनकी पार्थिव देह मलसीसर थाने पहुंची.जहां पर अपने शहीद पति की पार्थिव देह को लेने के लिए ग्रामीण और सैंकड़ों युवाओं के साथ वीरांगना अंजू भी पहुंची. उन्होंने ना केवल पार्थिव देह देखते हुए अपने शहीद पति के अमर रहे के नारे लगाए बल्कि मलसीसर से लेकर गांव ढाणी बुरडकान तक युवाओं के साथ भारत माता की जय और शहीद देवकरण सिंह अमर रहे के नारे लगाए. शहीद का पार्थिव देह उसके पेतृक  गांव पहुंचने पर घर में परिवार के सदस्यों ने अंतिम दर्शन किए.वहीं ग्रामीणों ने भी अपने लाडले को अंतिम विदाई दी. 

बेटों ने दी मुखाग्नि 
शहीद देवकरण सिंह के दोनों बेटों निखिल और कुनाल ने मुखाग्नि दी.इस मौके पर सांसद नरेंद्र कुमार खीचड़, जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी, एसपी मृदुल कच्छावा, ​मंडावा विधायक रीटा चौधरी व मलसीसर एसएचओ गोपालसिंह थालौड़ समेत अन्य अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.वहीं पुलिस और सेना से आई टुकड़ी ने इससे पहले गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया.

पूरे रास्ते तिरंगे लेकर खड़े रहे बच्चे
मलसीसर से ढाणी बुरड़कान तक युवाओं ने बाइक तिरंगा रैली निकाली.वहीं पूरे रास्ते में स्कूली और गांवों के बच्चों के अलावा ग्रामीण महिलाएं, पुरूष हाथों में तिरंगा लेकर खड़े रहे.उन्होंने ना केवल देशभक्ति से ओत-प्रोत नारे लगाए.बल्कि कहा कि पूरे क्षेत्र को देवकरणसिंह की शहादत पर गर्व है.

मां-बाप ने सिर पर हाथ फेरा

वैसे तो वीरांगना अंजू मलसीसर से अपने साथ आई शहीद पति की पार्थिव देह लेकर ढाणी बुरकड़ान पहुंची.लेकिन घर में जब अंतिम संस्कार के कार्य किए जा रहे थे तो उन्होंने अपने हाथों की चूड़ियां और बिंदी आदि अपने पति को समर्पित किए.वहीं उन्होंने अपने पति से करीब एक मिनट तक अंतिम बात भी की.यह पल देखकर हर कोई भावुक हो गया.वहीं दोनों बेटों व परिवार के अन्य सदस्य बार-बार देवकरण सिंह की पार्थिव देह देखकर खुद को रोने से नहीं रोक पा रहे थे.पिता बोइतराम और मां लाडोदेवी ने भी अपने लाडले के सिर पर हाथ फेरा और उसे अंतिम विदाई दी.इस मौके पर वीरांगना अंजू ने कहा कि वे भारत मां के बेटे होने के साथ-साथ लाडो देवी के पुत्र ​थे.मेरे पति भी थे.लेकिन मेरे बेस्ट फ्रेंड भी वो ही थे.

कलेक्टर ने कहा, सरकार हमेशा परिवार के साथ खड़ी रहेगी
इस मौके पर कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने कहा कि पूरे जिले को आज दुख भी है तो गर्व भी है कि देश की रक्षा में एक और लाडले ने अपनी शहादत दी है.उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार की ओर से परिवार को आश्वस्त करते है कि ना केवल शहीद का जो भी निर्धारित पैकेज है.वो परिवार को दिया जाएगा.बल्कि हर सुख-दुख में सरकार और प्रशासन शहीद परिवार के साथ खड़ा रहेगा.एसपी मृदुल कच्छावा ने भी झुंझुनूं पुलिस और व्यक्तिगत रूप से वे उन्हें नमन करते है.साथ ही विश्वास दिलाते है परिवार के साथ झुंझुनूं पुलिस हमेशा खड़ी रहेगी.

10 दिन बाद आने वाले थे गांव

ग्रामीणों की मानें तो शहीद देवकरण सिंह 10 दिन बाद गांव आने वाले थे.अंतिम बार वे 26 सितंबर 202 को गांव आकर गए थे. घर में उनकी वीरांगना पत्नी अंजू के अलावा 19 साल का बेटा निखिल तथा 15 साल का बेटा कुनाल है. निखिल 12वीं कक्षा में तो कुनाल 10वीं कक्षा में पढ़ता है. दोनों जयपुर में पढाई कर रहे है. शहीद देवकरण सिंह का परिवार पिछले दो सालों से जयपुर में रहता है. शहीद देवकरण ने वर्ष 2000 में आर्मी जॉइनिंग की थी. देवकरण तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे. उनके बड़े भाई संजय सिंह भी आर्मी से रिटायर है. फिलहाल डीएससी आर्मी में कार्यरत है.जबकि छोटा भाई अनिल वर्तमान में आर्मी में तैनात है.शहीद के माता पिता गांव में ही रहते है.पिता बोइतराम भी आर्मी से रिटायर है.बड़ा भाई झुंझुनूं में रहता है, जबकि छोटे भाई अनिल का परिवार माता पिता के साथ गांव में ही रहता है.

 

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