Jhunjhunu News: झुंझुनूं जिले से देश को सर्वाधिक शहीद और सैनिक देने वाले गौरव सैनानी जिले झुंझुनूं में शहीदों की शहादत को सम्मान देने शहादत को चिरस्थाई स्मरणीय बनाने व युवाओं को प्रेरणा देने के मकसद से बनने वाला शौर्य उद्यान महज 10 फीसदी काम के 6 साल से रुके होने के कारण बदहाली पर आंसू बहा रहा है. गहलोत सरकार में उपेक्षा के कारण शौर्य उद्यान का काम पूरा नहीं हुआ.
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Jhunjhunu News: राजस्थान के झुंझुनूं जिले से देश को सर्वाधिक शहीद और सैनिक देने वाले गौरव सैनानी जिले झुंझुनूं में शहीदों की शहादत को सम्मान देने शहादत को चिरस्थाई स्मरणीय बनाने व युवाओं को प्रेरणा देने के मकसद से बनने वाला शौर्य उद्यान महज 10 फीसदी काम के 6 साल से रुके होने के कारण बदहाली पर आंसू बहा रहा है. गहलोत सरकार में उपेक्षा के कारण शौर्य उद्यान का काम पूरा नहीं हुआ.
गहलोत सरकार के पांच साल के कार्यकाल में शौर्य उद्यान के लिए बजट नहीं मिलने से काम पूरा नहीं हो पाया. अब भाजपा सरकार 10 जुलाई को अपना पूर्ण बजट पेश करेगी लोगों को उम्मीद है कि भजनलाल सरकार झुंझुनूं के वीर शहीदों की शौर्यता का सम्मान करते हुए शेष का काम के लिए बजट जारी करेगी और जवानों की देश भक्ति की कहानी बताने वाली धरोहर का काम पूरा होगा.
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झुंझुनूं के दोरासर में राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से शौर्य उद्यान एक साल में बनकर तैयार होना था, लेकिन यह आज तक अधूरा है. तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार की ओर से 4 करोड़ रुपए का बजट दिया गया. इसके बाद वर्ष 2018 जब सरकार बदली तो काम भी अटक गया. इसकी भव्यता का अंदाज आप इसी से लगा सकते हैं कि इसका निर्माण 20 बीघा में किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा शौर्य उद्यान होगा.
दोरासर के पूर्व सरपंच अर्जुन महला ने बताया कि गहलोत सरकार में शौर्य उद्यान के बचे 10 फीसदी काम को लेकर बजट नहीं मिलने से काम पूरा नहीं हो पाया. 10 फीसदी काम और करवा दिया जाए, तो यह शौर्य उद्यान पूरे देश में एक दर्शनीय और देश प्रेम से ओत-प्रोत जगह बन जाए. बजट नहीं मिलने के कारण यहां लाइटों, फूटपाथ, मुख्य प्रवेश द्वार, गार्ड रूम, पार्किंग और प्रतिमाओं को स्थापित करने का काम अटक गया है.
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अब लोगों को उम्मीद हैं कि भजनलाल सरकार शौर्य उद्यान के शेष रहे काम को लेकर बजट आवंटित करेगी और शेष रहा काम पूरा होगा. राजस्थान में अब तक 1600 से अधिक शहीद हो चुके हैं. इनमें 457 शहीद झुंझुनूं के हैं. शौर्य उद्यान में 21 तस्वीरों के जरिए सैनिकों के रण कौशल का प्रदर्शन किया गया है. बताया गया कि एक सैनिक युद्ध का सामना कैसे करता है. इसके लिए यहां एक युद्ध मैदान का निर्माण किया गया है.
यहां शूरवीरों की प्रतिमाएं धातु, मार्बल, फाइबर आदि से बनाई गई हैं. इसके अलावा ऑडियो-वीडियो डॉक्यूमेंट्री भी तैयार करवाई गई है. जिससे शेखावाटी के शूरवीरों के अदम्य साहस की कहानी सब सुन और देख सकें. यह शौर्य उद्यान 7500 वर्ग फीट में बनाया गया है. जिसमें युद्धों की जानकारी है, तीनों सेवाओं की रैंकिंग, पदक और यूनिफॉर्म की जानकारी है.
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देश में अब तक हुए महत्वपूर्ण युद्ध सेना के कौशल का 2 डी और 3 डी में प्रदर्शन किया जाएगा. इस ब्लॉक में सेना के उन वीरों की गाथाएं हैं, जिन्होंने युद्ध के दौरान बेहतर रण कौशल का प्रदर्शन किया था. इसमें राजस्थान के शहीदों की मूर्तियां लगाई गई हैं. पूरे देश में इस समय हमारी सेना के जवानों के साहस व शहीदों के शौर्य की कहानियां कही और सुनी जा रही हैं.
इन्हीं कहानियों के बीच बड़े फख्र के साथ झुंझुनूं जिले का भी अक्सर जिक्र होता है. इनकी कहानियों को बयां करने वाले शौर्य उद्यान का काम बजट के आभाव के कारण रुका हुआ है. अब सरकार बदलने के साथ सरकार भाजपा सरकार के पहले पूर्ण बजट में शौर्य उद्यान के लिए बजट मिलने की उम्मीद जगी है.