विज्ञान युग में भी आस्था भारी, घुटनों के बल रामदेवरा पहुंचे 67 वर्षीय भक्त सखाराम
Advertisement

विज्ञान युग में भी आस्था भारी, घुटनों के बल रामदेवरा पहुंचे 67 वर्षीय भक्त सखाराम

कहते हैं कि आस्था से बड़ा कुछ भी नहीं होता.

यह भक्त सरहदी जिले बाड़मेर के बालोतरा के असाड़ा गांव का निवासी सखाराम है.

Jaisalmer: कहते हैं कि आस्था से बड़ा कुछ भी नहीं होता. भगवान के प्रति अगर सच्ची श्रद्धा हो तो भक्त किसी भी विपरीत परिस्थिति से लड़ जाता है और उसकी इस लडाई में भगवान भी उसका पूरा साथ भी देते हैं. 

जी हां, हम बात कर रहे हैं जैसलमेर (Jaisalmer) जिले के रामदेवरा (Ramdevra) में बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शनों के लिए आए ऐसे ही एक भक्त की, जो राजस्थान (Rajasthan) के इस महातीर्थ में अपने आराध्यदेव की समाधि के दर्शनों के लिए घुटनों के बल चल कर आया है. 

यह भी पढ़ें- 2 करोड़ से 'रामदेवरा' में सुविधाओं का होगा विस्तार, फिरेंगे सिद्धि कलश के दिन

यह भक्त सरहदी जिले बाड़मेर के बालोतरा के असाड़ा गांव का निवासी सखाराम है. 67 वर्षीय सखाराम 40 दिन में 213 किलोमीटर घुटनों के बल चलते हुए अपने आराध्यदेव बाबा रामदेव जी की समाधि के दर्शनों के लिए रामदेवरा पहुंचा है. वह प्रतिदिन 4 किलोमीटर की यात्रा कर रहा था.

क्या कहना है बाबा के इस भक्त का
बाबा रामदेव के भक्त सखाराम ने बताया कि वो बाबा रामदेव जी का अनन्य भक्त है और भारत देश में शांति और ख़ुशहाली की कामना को लेकर वह बाबा रामदेव जी के दरबार मे पहुंचता है. वो पिछले 11 वर्षों से रामदेवरा आ रहा है और इस दौरान उसने अलग-अलग तरह से यात्राएं की हैं, जिसमें पैदल, दंडवत और नाक-निवान यात्रा शामिल है. इन ग्यारह वर्षों में उसकी घुटनों के बल चलते हुए की यह दूसरी यात्रा है. 

सखाराम ने बताया कि उसकी ऐसी 12 यात्राएं करने की इच्छा है. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना के कारण उनकी यात्रा रद्द हो गई थी. भक्त सखाराम ने बताया कि पिछले 40 दिनों से वो लगातार घुटनों के बल यात्रा करते हुए रामदेवरा पहुंचे हैं. वह प्रतिदिन 4 किलोमीटर चलते हैं और इस दौरान उन्होंने 213 किलोमीटर की यात्रा सफलतापूर्वक पूरी की है.

बाबा रामदेव जी के आशीर्वाद से मिलती है ताकत
तेज चिलचिलाती धूप और तांबे से भी तेज तपन पैदा करने वाली डामर की सड़कें, जिस पर पैदल चलना भी मुश्किल होता है. वहां सखाराम घुटनों के बल चलकर अपने श्रद्धेय बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में उनकी यात्रा के अनुभव के सवाल के जवाब में सखराम का कहना है इस कठिन यात्रा के लिये उसका शरीर भले ही बूढ़ा हो गया हो लेकिन बाबा रामदेव जी उसे शक्ति प्रदान करते हैं, जिसके बलबूते वो अपनी इस कठिन यात्रा को आसानी से पूरा कर लेते हैं.

Reporter- Shankar Dan

 

Trending news