Jalore : भीनमाल का स्टेडियम बदहाल, कभी होते थे रणजी के मुकाबले, नशेड़ियों का बना अड्डा
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Jalore : भीनमाल का स्टेडियम बदहाल, कभी होते थे रणजी के मुकाबले, नशेड़ियों का बना अड्डा

स्टेडियम में साल 1984 में राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच में एक बार रणजी का मुकाबला हुआ. इसके अलावा कॉल्विन और डूंगरपुर शील्ड के कई बार मुकाबले इसी स्टेडियम में हुए. इसके अलावा अण्डर-19 और अण्डर-21 क्रिकेट के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता भी यहां हुई. लेकिन अब ये पुराने वक्त की बात हो चुकी है.

भीनमाल का शिवराज स्टेडियम प्रशासनिक अनदेखी का शिकार

Jalore : राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल में बने शिवराज स्टेडियम में खेलने के लिए कभी खिलाडियों का दिल धडकता था, मगर अब ये स्टेडियम बदहाल है. साल 1984 में क्रिकेट के रणजी मुकाबले का साक्षी रहे, इस स्टेडियम का क्रिकेट मैदान पूरी तरह से उजड़ चुका है. जयपुर और उदयपुर के बाद राजस्थान में अगर कहीं ऑस्टेलियन घास लगी थी, तो वो था भीनमाल का 75 यार्ड में फैला ये स्टेडियम. लेकिन अब घास लुप्त हो चुकी है. क्रिकेट की पिच टूट गयी है. मैदान में हर तरफ सिर्फ धूल ही उड़ती नजर आती है और इलाके की प्रतिभाएं इसी धूल के बीच प्रैक्टिस करती है.

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स्टेडियम में साल 1984 में राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच में एक बार रणजी का मुकाबला हुआ. इसके अलावा कॉल्विन और डूंगरपुर शील्ड के कई बार मुकाबले इसी स्टेडियम में हुए. इसके अलावा अण्डर-19 और अण्डर-21 क्रिकेट के राज्य स्तरीय प्रतियोगिता भी यहां हुई. लेकिन अब ये पुराने वक्त की बात हो चुकी है. स्टेडियम की बदहाली पर  खेल प्रेमियों ने कई बार मुख्यमंत्री, खेल मंत्री अशोक चांदणा, जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी और पालिका प्रशासन को ज्ञापन सौंपा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हालत ये है की खिलाड़ी अपने स्तर पर स्टेडियम में साफ सफाई और मेंटेनेंस का काम करते है. इतना ही नहीं स्टेडियम में पानी तक की सुविधा नहीं है. स्टेडियम में रोज प्रैक्टिस करने वाले खिलाड़ियों का कहना है, कि स्टेडियम के सामने ही पुलिस थाना है और दिनभर नशेड़ी खुलेआम यहां नशा करते है जिससे यहां प्रेक्टिस करने आने से महिला खिलाड़ी डरती हैं.

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स्टेडियम में स्कोरबोर्ड और पैवेलियन का शैड टूटा हुआ है. स्टेडियम के खेल मैदान में क्रिकेट मुकाबले के लिए स्कोर बोर्ड भी था, लेकिन अब स्कोर बोर्ड बिखर गया है. स्कोरबोर्ड की पट्टियां टूट चुकी है और कई गायब हैं. सालों से स्टेडियम में मरम्मत के नाम पर एक रुपए भी खर्च नहीं हो पाया है. सालभर पहले पैवेलियन का शेड टूट गया था, तो प्रशासन ने हादसे की आशंका के चलते शेड को खुलवा दिया तब से अब तक यहा नया शेड नहीं लग पाया है और ऐसे में यहां अभ्यास करने वाले युवाओं को कुछ समय आराम करने के लिए भी जगह नहीं मिलती है।

Report : Bablu Meena

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