राजस्थान हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज करते हुए हाइकोर्ट यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी कि नर्सिंग व्यवसाय के कोर्सेज चलाने वाले संस्थानो के पास आई.एन.सी. के विनियम 2020 के अनुसार उचित निर्धारित प्रबंधन और आधारभूत समस्त सुविधाएं होना जरूरी हैं.
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Jodhpur News: उदयपुर स्थित पैसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी व अन्य की ओर से राज्य सरकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र के अभाव में नर्सिंग संस्थानों का आरएनसी द्वारा मान्यता रद्द कर देने के आदेशों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाए पर राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में सुनवाई हुई.
राजस्थान हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिकाओं को खारिज करते हुए हाइकोर्ट यह महत्वपूर्ण व्यवस्था दी कि नर्सिंग व्यवसाय के कोर्सेज चलाने वाले संस्थानो के पास आई.एन.सी. के विनियम 2020 के अनुसार उचित निर्धारित प्रबंधन और आधारभूत समस्त सुविधाएं होना जरूरी हैं. यही नहीं संस्थान के पास निर्धारित मापदण्ड के अभाव में नर्सिंग कोर्सेज संचालित होने पर राज्य सरकार और कॉउंसिल को एनओसी नहीं देने व मान्यता/ सम्बद्धता रद्द करने का पूरा अधिकार है.
सुनवाई में विपक्षी भारतीय नर्सिंग कॉउंसिल, नई दिल्ली की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी पक्ष रखते हुए न्यायालय का ध्यान सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण में पारित अंतरिम आदेश व राजस्थान हाइकोर्ट के खंडपीठ द्वारा पारित पूर्व निर्णयों की ओर दिलाते हुए आग्रह किया कि भारतीय नर्सिंग कॉउंसिल देश मे नर्सिंग वर्ति के कोर्सेज के लिए सर्वोच्य नियामक संस्था है और पूर्व मे 2007 के विनियम बनाये हुए थे. अब नए विनियम भारतीय उपचर्या परिषद (नर्सिंग कार्यक्रमों के लिए उपयुक्तता प्रदान करने के लिए न्यूनतम आवश्यक शर्त विनियम, 2020 प्रभावशील हैं.
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इन नियमों के तहत किसी भी नर्सिंग संस्थान को स्थापित करने, नए कोर्स प्रारंभ करने के लिए अन्य शर्तों के अलावा राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है, लेकिन याचिकाकर्ताओ ने नए कोर्सेज शुरू करने, सीट बढ़ाने के लिए आवश्यक एनओसी/ अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लेने पर मान्यता रद्द कर देने के आदेश को चुनोती दी। हाइकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने भारतीय नर्सिंग कॉउंसिल के विनियम 2020 के प्रावधानों का परिशीलन कर एवं पूर्व न्यायिक निर्णयों के परिपेक्ष्य में रिट याचिकाए सारहीन मानते हुए ख़ारिज की.