पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर के बहुचर्चित तस्कर कमलेश प्रजापत एनकाउंटर पर लगातार उठ रहे सवालों और विवाद के बाद गहलोत सरकार ने आखिरकार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.
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Barmer : पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर के बहुचर्चित तस्कर कमलेश प्रजापत एनकाउंटर पर लगातार उठ रहे सवालों और विवाद के बाद गहलोत सरकार ने आखिरकार मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कमलेश एनकाउंटर की जांच सीबीआई को देने की मंजूरी दे दी है. परिजनों को भी अब न्याय की उम्मीद जगी है.
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बाड़मेर जिले में 22 अप्रैल की रात को तस्कर कमलेश प्रजापत का बाड़मेर पुलिस द्वारा एनकाउंटर किया गया. इस पूरे घटनाक्रम के बाद कमलेश प्रजापत के परिजनों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बाड़मेर पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा कि एनकाउंटर फर्जी था. इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की इसको लेकर राजस्थान सरकार ने पूरे प्रकरण की जांच सीआईडी सीबी को दी थी. गत दिनों सीआईडी सीबी ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरे घटनाक्रम का रीक्रिएशन भी करवाया था, लेकिन उसके बावजूद भी पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करने का दौर जारी रखा और सीबीआई की जांच की मांग करते रहे सोमवार को राजस्थान सरकार द्वारा बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में सीबीआई जांच की अनुशंसा की है.
अब देखने वाली बात यह होगी कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की अनुशंसा स्वीकार की जाती है या नहीं. इस पूरे मामले को लेकर बाड़मेर जैसलमेर के सांसद एवं केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से यह जानकारी मिली है कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच की अनुशंसा राज्य सरकार द्वारा भेजी गई है. इसकी मांग हमने भी की थी. अभी इसकी मुझे पूरी जानकारी नहीं है. मैं पता करने के बाद ही बता सकता हूं कि राज्य सरकार ने अनुशंसा की है या नहीं. इसके बाद कमलेश प्रजापत के भाई रेमताराम व भेराराम ने बताया कि इसकी जानकारी हमे भी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली है. अगर इसकी जांच CBI करती है तो हमे न्याय जरूर मिलेगा.
पुलिस द्वारा किए गए कमलेश प्रजापत एनकाउंटर को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व कैलाश चौधरी सहित प्रदेश के भाजपा नेताओं ने भी गहलोत सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया था, जिसके बाद अब गहलोत सरकार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की है.
रिपोर्ट : भूपेश आचार्य
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