ओसियां: सिंवर समाज की आस्था का केंद्र, सिरमंडी में मां तनोटराय का दूसरा बड़ा मंदिर
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ओसियां: सिंवर समाज की आस्था का केंद्र, सिरमंडी में मां तनोटराय का दूसरा बड़ा मंदिर

2012 में भव्य मंदिर बनाने के बाद प्रत्येक नवरात्रि और मंदिर स्थापना के सालाना वार्षिक जागरण वैशाख सुदी षष्टम्(6) को सिरमंडी के अलावा जोधपुर जिले के अन्य गांवों व अन्य जिलों और हरियाणा, महाराष्ट्र से भी मां के भक्त यहां धोक लगाने के लिए आते हैं. 

ओसियां: सिंवर समाज की आस्था का केंद्र, सिरमंडी में मां तनोटराय का दूसरा बड़ा मंदिर

Osian: फलोदी स्टेट हाइवे पर ओसियां से 10 किलोमीटर एक गांव सिरमंडी जो तत्कालीन समय में पाटन नगरी ओसियां की मंडी(सीरे बाजार)के रूप में जाना जाता था तथा रियासत काल में भीकमकोर रियासत के अधीन था. यहां पर भाटी वंशज सिंवर(जाट) समाज के लोग पहले तनोट से धातरी (चूरु) और फिर 1459 ईस्वी सन् में धातरी से सिरमंडी आए तब अपने कुलदेवी मातेश्वरी तनोटराय स्वांगियाजी की मूर्ति साथ लाए. सिरमंडी के बंदिया भाकर पर मूर्ति की स्थापना की और 1459 ईस्वी सन् से लेकर 2012 तक जहां कच्चे झोपड़े में पूजा-पाठ होती थी. 

इसके बाद सिंवर समाज के लोगों ने भव्य मंदिर बनाने की नींव डाली और सिरमंडी के अलावा जोधपुर जिले के धुंधाडा, खेतासर, नेवरा, बाना का बास, नाथडाऊ, लोहावट, खाबड़ा, मालूंगा, देणोक सहित अन्य गांवों और राजस्थान के बीकानेर, बाड़मेर, नागौर, अजमेर, सीकर, चूरू, जालौर तथा अन्य राज्य हरियाणा व महाराष्ट्र के सिंवर जाट समाज के लोगों ने 50 लाख का चंदा इकट्ठा कर भव्य मंदिर बनवाया. 

1459 ईसवी सन् के पश्चात धीरे-धीरे यहां से सिंवर समाज के लोग जोधपुर जिले के अन्य गांवों सहित बाड़मेर, बीकानेर, नागौर सहित अन्य जिलों और अन्य राज्यों हरियाणा, महाराष्ट्र में भी जाकर बस गए. 2012 में भव्य मंदिर बनाने के बाद प्रत्येक नवरात्रि और मंदिर स्थापना के सालाना वार्षिक जागरण वैशाख सुदी षष्टम्(6) को सिरमंडी के अलावा जोधपुर जिले के अन्य गांवों व अन्य जिलों और हरियाणा, महाराष्ट्र से भी मां के भक्त यहां धोक लगाने के लिए आते हैं. 

सिंवर समाज की कुलदेवी मां तनोटराय स्वांगिया जी का पहला मंदिर भारत-पाक बॉर्डर पर तनोट माता मंदिर के बाद दूसरा कुलदेवी का भव्य मंदिर सिरमंडी गांव में सिंवर समाज के द्वारा बनाया गया है. यहां अब साल में दो बार नवरात्रि को नौ दिन धार्मिक अनुष्ठान के साथ मेला लगता है और अष्टमी को हवन के बाद रात्रि को भव्य जागरण का आयोजन होता है. 

अभी हाल ही में मंदिर के बिलकुल समीप से केंद्र सरकार का महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट भारतमाला के पंजाब के अमृतसर से गुजरात के जामनगर तक का एक्सप्रेस हाइवे सिक्स लाइन का निर्माण भी इस मंदिर की ओरण से ही होकर बन रहा है।.इस हाइवे का लगभग 80-85% काम भी पूर्ण हो गया है. अब यहां से मंदिर का दृश्य भी शानदार नजर आने लगा है. मंदिर के पास ही एक्सप्रेस हाइवे का टोल और स्टेट हाईवे पर उतरने और चढ़ने का बहुत बड़ा पुल बनाया गया है. अब बाड़मेर, नागौर और पंजाब हरियाणा से भी आने वाले जातरूओं के लिए सीधा रास्ता बन गया है. 

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