Barmer में अस्थाई कोविड फील्ड हॉस्पिटल को हटाने की तैयारियां शुरू, लोगों में नाराजगी
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Barmer में अस्थाई कोविड फील्ड हॉस्पिटल को हटाने की तैयारियां शुरू, लोगों में नाराजगी

कोरोना (Coronavirus) के रोगी भी अब लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच राज्य सरकार जहां चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने का प्रबंध कर रही है.

अस्थाई कोविड फील्ड हॉस्पिटल को हटाने की तैयारियां शुरू

Barmer: देशभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) ने दस्तक दे दी है. राजस्थान प्रदेश में भी ओमिक्रोन के कई मामले सामने आए हैं. वहीं कोरोना (Coronavirus) के रोगी भी अब लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसी बीच राज्य सरकार जहां चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने का प्रबंध कर रही है.

वहीं सरहदी जिले बाड़मेर में वेदांता ऑयल एंड गैस कंपनी द्वारा बनाए गए अस्थाई फील्ड अस्पताल को अब हटाने की तैयारियां शुरू हो चुकी है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वेदांता ऑयल एंड गैस कंपनी द्वारा इस अस्पताल को कोरोना मरीजों के लिए तैयार किया गया था और स्वयं सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने 4 जून 2021 को इसका वर्चुअल लोकार्पण किया था. जिसके बाद यहां कोरोना के मरीजों का इलाज शुरू हुआ और बाड़मेर को कोरोना से कुछ राहत भी मिली.

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जब कोरोना के रोगी घटने लगे तो इसके बाद यह फील्ड अस्पताल डेंगू के रोगियों के भी काम आया लेकिन कोरोना की संभावित तीसरी लहर और नए वेरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच वेदांता फील्ड अस्पताल का 6 माह का एमओयू पूरा हो चुका है और अब इस अस्थाई अस्पताल को कंपनी ने हटाने का कार्य शुरू कर दिया है. बाड़मेर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए वेदांता ऑयल एंड गैस कंपनी द्वारा 100 बेड का अस्थाई अस्पताल हाईस्कूल मैदान में तैयार किया गया था, जिसमें कोरोना और डेंगू मरीजों का इलाज हुआ. कंपनी ने इस अस्थाई अस्पताल के लिए 6 माह का एमओयू किया था और 1 माह अतिरिक्त चलाया.

वेदांता फील्ड अस्पताल के बंद होने को लेकर बाड़मेर में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. स्थानीय लोग भी इस अस्पताल को बंद होने को लेकर नाराज नजर आ रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर और नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बीच वेदांता ऑयल एंड गैस कंपनी को एमओयू बढ़ाकर इस फील्ड अस्पताल को कोरोना खतरे से उबरने तक आमजन के लिए सुचारू रखना चाहिए.

गौरतलब है कि कोराना की दूसरी लहर के दौरान 4 जून को इस फील्ड अस्पताल का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल लोकार्पण किया था, जिसके बाद यहां 273 कोरोना मरीजों को भर्ती कर उन्हें इलाज दिया गया. वहीं मौसम परवर्तन के बाद बाड़मेर में डेंगू और मलेरिया के मरीजों में बढ़ोतरी होने पर भी यहां करीब 858 मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया गया था लेकिन अब जब कंपनी का एमओयू पूरा हो चुका है तो वेदांता इस फील्ड अस्पताल को हटाने का काम शुरू कर चुकी है.

सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट डालूराम चौधरी ने कहा कि केयर्न वेदांता की ओर से शामियाने में अस्थाई हॉस्पिटल बनाया गया था उसका कोरोना के समय भी और डेंगू के समय भी बाड़मेर वासियों को अच्छा लाभ मिला और अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है तो बाड़मेर वासियों की मांग है कि इसको कुछ समय के लिए और चलाया जाए.

वहीं डॉ बीएल मंसूरिया जिला अस्पताल अधीक्षक ने बताया कि यह हॉस्पिटल 4 जून को शुरू किया गया था जिसमें 273 मरीजो को भर्ती किए गए थे और 858 मरीज अभी जो मौसमी बीमारियां व डेंगू के मरीज भर्ती किए गए थे. जब शुरू हुआ तब कोरोना के मरीजों में कमी आ गई थी लेकिन डेंगू के मरीजों को हॉस्पिटल में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिली थी.

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