सूरसागर: गोवंशों में लंपी स्किन साबित हो रही घातक, उपचार में मदद करने आग आ रहे आमजन
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सूरसागर: गोवंशों में लंपी स्किन साबित हो रही घातक, उपचार में मदद करने आग आ रहे आमजन

 गौवंश में लंपी स्किन बीमारी ने गायों पर बड़ा संकट खड़ा कर दिया है.राजस्थान ही नहीं गुजरात समेत कई राज्यों में फैली इस बीमारी से गाय की हो रही मौते चिंता का विषय है बना हुआ है. 

सूरसागर: गोवंशों में लंपी स्किन साबित हो रही घातक, उपचार में मदद करने आग आ रहे आमजन

Soorsagar: राजस्थान गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष सुमेर सिंह राजपुरोहित ने राज्य में फैली पशुओं की घातक बीमारी लंपी स्किन से गायों को बचाने के लिए गौ सेवकों और आम जनता से सहयोग की अपील की है.राजपुरोहित ने बताया कि कोविड-19 के भयानक दौर के बीतने के बाद जनता अभी संभला ही नही था कि गौवंश में लंपी स्किन बीमारी ने गायों पर बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. 

राजस्थान ही नहीं गुजरात समेत कई राज्यों में फैली इस बीमारी से गाय की हो रही मौते चिंता का विषय है बना हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि गौवंश पर आये इस संकट को भी हम सभी को सरकार के साथ मिलकर इस बीमारी को दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास करना चाहिए. मुख्यमंत्री ने भी गौवंश में फैली इस बीमारी के उपचार के लिए लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

बता दें कि मुख्य सचिव ने भी वीसी के माध्यम से सभी जिला कलेक्टर को निर्देश देकर धरातल पर टीमें भेजकर उपचार करने के निर्देश दिए है. उनका कहना है कि डॉक्टर्स की टीम लगातार प्रभावित क्षेत्र में जाकर गौवंश का उपचार कर रही है, चूंकि भारत सरकार के पशु चिकित्सा की सर्वोच्च संस्था इंडियन काउंसलिंग ऑफ वेटनरी रिसर्च एवं अन्य संस्था द्वारा लंपी स्किन नामक इस बीमारी का अभी तक कोई स्थायी टीका और अन्य मेडिसिन जारी नही की है. जिससे अभी तक इसका कोई उचित उपचार नही मिल पाया है.

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प्राथमिक तौर पर  करें निम्न उपाय
- ऐसा गौवंश जो निराश्रित घूम रहे है जिनकी देखभाल कोई नही करता है, ऐसे संक्रमित गौवंश को सभी सामूहिक सहयोग से बाजरी की दलिया बनाकर खिलाये, फिटकरी के पानी से उनकी साफ-सफाई करें और नीम के पत्तियों के धुँआ करें ताकि उनको राहत मिल सके.
- लक्षण दिखने पर इसको गंभीरता से ले और डॉक्टर्स को सूचित करें.
- गौवंश के बाड़े को साफ सुधरा रखें और गौवंश की सेवा के लिए समर्पण भाव से लग जाये ताकि हमारा गौवंश बच सके. 
- संक्रमित गौवंश है उनको अन्य गौवंश से अलग रखें.
- किसी गौवंश की इस बीमारी से मौत हुई है तो उसके शव को खड्डा खोदकर उसमें नमक इत्यादि डालकर गड्ढे को भरे ताकि संक्रमण नही फैले.

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