अमृत योजना से घरों में बह रही गंदगी, 102 करोड़ के सीवरेज कार्य को लगा ग्रहण, जानें कौन है दोषी
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अमृत योजना से घरों में बह रही गंदगी, 102 करोड़ के सीवरेज कार्य को लगा ग्रहण, जानें कौन है दोषी

हिण्डौन में अमृत योजना में स्वीकृत 102 करोड़ की लागत वाले सीवरेज कार्य को ग्रहण लग गया है. हिण्डौन उपखंड मुख्यालय पर सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी लार्सन एंड टूबो (एलएंडटी) को नगर परिषद ने लागत का करीब 80 फीसदी भुगतान भी कर दिया है.

हिण्डौन में अमृत योजना में लगा ग्रहण, सिवरेज की गंदगी नलों के पानी के साथ घरों तक.

Hindaun: हिण्डौन में अमृत योजना में स्वीकृत 102 करोड़ की लागत वाले सीवरेज कार्य को ग्रहण लग गया है. हिण्डौन उपखंड मुख्यालय पर सीवरेज का कार्य कर रही कंपनी लार्सन एंड टूबो (एलएंडटी) को नगर परिषद ने लागत का करीब 80 फीसदी भुगतान भी कर दिया है. इसके बाद भी कंपनी तीन में से एक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को शुरू नहीं कर सकी है. यही नहीं अभी तक करीब 5 हजार लंबित कनेक्शन भी नहीं किए गए हैं.

 कॉलोनियों में डाली गई राइजिंग लाइन और चेंबरों की हालत भी बदतर
घरेलू कनेक्शन के साथ कॉलोनियों में डाली गई राइजिंग लाइनों और चेंबरों की हालत भी बदतर हो गई है. हालत यह है कि सीवरेज के अधिकांश चेंबर ओवरफ्लो हो गए हैं जिन से गंदगी बाहर निकल रही है. सीवरेज पाइप लाइन डालने के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं होने के कारण प्री मानसून की पहली हल्की बारिश में सड़कों पर बने गहरे गड्ढों में गिरकर लोग चोटिल हो रहे हैं, वहीं कई जगह वाहन भी फस रहे हैं.

 गंदगी नलों के पानी के साथ घरों तक पहुंच रही
ऊबड़-खाबड और ऊंचे नीचे बने चेंबरों और सीवरेज लाइन से सटकर निकल रही जलदाय विभाग की पेयजल लाइनों के लीकेज होने से सीवरेज की गंदगी नलों के पानी के साथ घरों तक पहुंच रही है. इससे बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.

102 करोड़ की लागत से सीवरेज का कार्य
केन्द्र सरकार की अमृत योजना में हिण्डौन शहर को शामिल कर 102 करोड़ की लागत से सीवरेज का कार्य शुरू किया गया था. निविदा शर्तों के अनुसार मार्च 2017 से शुरू होकर इस कार्य को मार्च 2019 में पूरा किया जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक कार्य पूरा नहीं हो सका है. सीवरेज कार्य में शुरू से ही लेट-लतीफी रही है. मार्च 2017 में शुरू होने वाले कार्य को 6 माह बाद सितंबर में शुरू किया गया.

 क्षेत्र के लोगों को इस एक अरब से ज्यादा की बड़ी योजना कोई बडा लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस मामले में कई बार स्थानीय नेताओं और लोगों ने मुख्यमंत्री एवं स्वायत्त शासन मंत्री को शिकायत की है और एलएंडटी की ओर से किए गए सीवरेज कार्य की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है. कहा गया है कि अनियमित ढंग से किए गए सीवरेज कार्य के कारण नलों के माध्यम से घरों तक सीवरेज की गंदगी पहुंच रही है, जिससे बीमारियां फैलने की संभावना बनी हुई है.

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तीन वर्ष अधिक होने के बाद भी पूरा नहीं कर पाई
कई कॉलोनियों में घरों के चेंबर से कनेक्शन कर दिए हैं, लेकिन उन्हें मुख्य रााइजिंग लाइन से नहीं जोड़ा गया है. इसके अलावा कई कॉलोनियों में चेंबर ऊबड़-खाबड अवस्था हैं, जिनसे ओवर फ्लो हो रहा पानी सड़क पर फैल गंदगी को बढ़ावा दे रहा है. सीवरेज कार्य पूर्ण होने की अवधि मार्च 2019 थी, लेकिन एलएंडटी कंपनी यह कार्य तीन वर्ष अधिक होने के बाद भी पूरा नहीं कर पाई है. कंपनी ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तीन स्थानों जोन प्रथम जाट का तालाब, जोन द्वितिय प्रहलाद कुण्ड और जोन तृतीय चौबे का बांध पर स्थापित किए हैं.

अभी तक कंपनी इनमें से जोन प्रथम जाट का तालाब एसटीएफ को प्रारंभ नहीं कर सकी है. संवेदक द्वारा मापदंडों को दरकिनार किए गए कार्य और लापरवाही का हिंडौन शहर के हजारों लोग नतीजा भुगत रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा.

Reporter-Ashish Chaturvedi

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