Peepalda : नौनेरा बांध परियोजना में अड़ंगा, जल संसाधन विभाग ने हाई लेवल ब्रिज की स्वीकृति अभी तक नहीं दी
Advertisement

Peepalda : नौनेरा बांध परियोजना में अड़ंगा, जल संसाधन विभाग ने हाई लेवल ब्रिज की स्वीकृति अभी तक नहीं दी

 बांध का उद्देश्य असल में तभी पूरा होगा जब बांध के आगे हाई लेवल ब्रिज बने. जबकि यहां हाई लेवल ब्रिज (HLB) तो दूर अभी तक निविदाओं के लिए ना तो प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है और ना ही वित्तीय स्वीकृति.

नौनेरा बांध परियोजना जल संसाधन विभाग ने हाई लेवल ब्रिज की मंजूरी नहीं दी है जिससे काम अटक रहा है

Peepalda : राजस्थान के कोटा ग्रामीण की महत्वपूर्ण सिंचाई परियोजना नोनेरा बांध का कार्य भले ही विद्युत गति से पूरा हो गया हो. लेकिन जनता को इस योजना का लाभ मिलना फिलहाल दूर की कौड़ी ही नजर आता है. क्योंकि बांध का उद्देश्य असल में तभी पूरा होगा जब बांध के आगे हाई लेवल ब्रिज बने. जबकि यहां हाई लेवल ब्रिज (HLB) तो दूर अभी तक निविदाओं के लिए ना तो प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई है और ना ही वित्तीय स्वीकृति.

यहां भी पढ़ें : जेसीटीएसएल एमडी ने की जानबूझकर अवमानना, दोषी अफसर के खिलाफ देंगे आदेश- हाईकोर्ट

इस लेट लतीफी की वजह है खुद जल संसाधन विभाग की उदासीनता. हाई लेवल ब्रिज बनाने के लिए PWD द्वारा निविदाएं भी जारी कर दी हैं. लेकिन जल संसाधन विभाग द्वारा स्वीकृति नहीं मिलने से निविदाएं खटाई में पड़ गई हैं. PWD के अधिकारी 1 साल में 20 से ज्यादा पत्र जल संसाधन विभाग को लिख चुके हैं. लेकिन नतीजा शून्य है. दरअसल नोनेरा बांध को बनाए जाने के साथ एक हाई लेवल ब्रिज बनाया जाना है. जिसके लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मौखिक स्वीकृति के आधार पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ब्रिज के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर सर्वे के आधार पर 92 करोड़ की निविदा जारी कर चुका है. लेकिन इस निविदा के लिए वित्तीय स्वीकृति सहित अन्य किसी भी तरह की स्वीकृति जल संसाधन विभाग द्वारा PWD विभाग को नहीं दी गई है. जिसके चलते 90 दिन में स्वीकृति नहीं मिलने पर PWD को ये 92 करोड़ की निविदाएं निरस्त करनी पड़ सकती है. जिससे PWD की छवि भी खराब होगी साथ ही आर्थिक नुकसान तो होगा ही. इसके अलावा दुबारा निविदा जारी करने के इस प्रोसेस में 4-6 महीने का समय भी लगेगा. जिससे प्रोजेक्ट भी देरी से शुरू हो पाएगा. और बांध में पानी भराव का काम शुरू नहीं हो सकेगा. PWD कोटा ग्रामीण के अधिशाषी अभियंता हुकुम चंद मीणा ने बताया कि बजट संबंधी स्वीकृति के लिए जल संसाधन को अक्टूबर 2020 से पत्र लिखे जा रहें है लेकिन अभी तक किसी तरह की स्वीकृति नहीं मिली है.

यहां भी पढ़ें : मुख्यमंत्री अनुप्रति योजना: जल्द जारी होगी अंतिम मेरिट सूची

1600 करोड़ की है योजना

ई-आरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना) के पहले चरण के तहत नौनेरा बैराज का निर्माण दीगोद तहसील के एबरा ग्राम में कालीसिंध नदी पर किया जा रहा है. इस बैराज के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने 1595.06 करोड़ रुपये की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की थी. इस परियोजना का मुख्य उद्देध्य बाढ़ और सूखे को नियंत्रित करना है. इस योजना से बूंदी, सवाईमाधोपुर, भरतपुर, धौलपुर तक के करीब 500 गांव प्रभावित होंगे. मामले पर स्थानीय विधायक ने कहा कि जब जल संसाधन मंत्री कोटा आये थे. तभी ये तय हो गया था कि ब्रिज का पैसा PWD को ट्रांसफर किया जाना है.मैं भी मेरी तरफ से प्रयास कर रहा हूं.

Report : KK Sharma

Trending news