Kota पुलिस की मार्शल आर्ट ट्रेनिंग, महिला कमांडों की जा रही तैयार
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Kota पुलिस की मार्शल आर्ट ट्रेनिंग, महिला कमांडों की जा रही तैयार

एसपी सिटी डॉ. विकास पाठक का कहना है कि ट्रेनिंग जरूरी है, क्योंकि किसी भी आपात स्थिति में आने पर वह स्थिति को संभाल सके और दूसरों की भी जान बचा सके

महिला पुलिस कर्मियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है.

हिमांशु मित्तल/कोटा: कोटा शहर पुलिस की टीम को मार्शल आर्ट (Marstial Arts) की ट्रेनिंग एसपी डॉ. विकास पाठक के निर्देश पर दी जा रही है, जिससे यह कमांडों किसी भी स्थिति में अपना खुद का बचाव कर सकें. साथ ही रात्रि में गश्त के दौरान बदमाश या असामाजिक तत्व जो महिलाओं को परेशान कर रहे हैं, उन्हें भी बचाया जा सके. 

इसके लिए जिला पुलिस लाइन के सामुदायिक भवन में बीते 5 दिनों से ट्रेनिंग करवाई जा रही है, जो कि 1 महीने तक चलेगी. इसमें 40 महिला कमांडो तैयार की जाएगी, जो कि शहर के अलग-अलग स्कूलों में भी जाकर लड़कियों को ट्रेनिंग देगी.

कोटा शहर एसपी डॉ. विकास पाठक का कहना है कि कोटा शहर पुलिस की अभया टीम की महिला पुलिसकर्मी लगातार शहर में गश्त करती और बच्चों की सुरक्षा के लिए भी वे लगातार कार्य करती है. इसीलिए उनकी ट्रेनिंग जरूरी है, क्योंकि किसी भी आपात स्थिति में आने पर वह स्थिति को संभाल सके और दूसरों की भी जान बचा सके. साथ ही यह महिला पुलिसकर्मी स्कूलों में भी जाकर बच्चों को ट्रेनिंग देती है, लेकिन मेरा मानना है कि जब बेहतर तरीके से यह खुद ट्रेंड होंगी, तभी दूसरों को अच्छी ट्रेनिंग दे पाएंगे. इसके लिए इन्हें मार्शल आर्ट के अच्छे गुण सिखाया जा रहे हैं.

यह पूरी ट्रेनिंग लायंस क्लब की तरफ से करवाई जा रही है. ऐसे में लायंस क्लब के वरुण रस्सवेट का कहना है कि बीते डेढ़ साल से वे सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कोटा पुलिस महिला कर्मियों को दे रहे थे, लेकिन अब पुलिस की जो कमांडों गर्ल्स हैं, उनको मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिससे उनकी दक्षता बढ़ाई जाए. वह एक अकेली लड़की पांच पुरुषों से घिर जाए, तो किस तरह से मार्शल आर्ट की टेक्निक से उन्हें मात दे, इसके लिए शारीरिक क्षमता की जरूरत नहीं है. कमजोर भी पावरफुल को फेल कर देता है, किस तरह से वह अपना बचाव मार्शल आर्ट के तरीकों से कर सकती हैं.

ट्रेनर दीपक स्वामी का कहना है कि एक महीने की ट्रेनिंग है. जिसमें 40 कमांडो को दी जा रही है, बीते 5 दिन से ट्रेनिंग चल रही है. जिसमें पंच, किक्स, ब्लॉकेज, कलाई का उपयोग, बॉडी को होल्ड करना, डिस्टेंस मेंटेन, रेंज को कवर और बॉडी के कमजोर पार्ट पर कम पावर में सामने वाले को ज्यादा नुकसान पहुंचाना सिखाया गया है. स्वामी ने कहा कि, 'मुझे उम्मीद है, महीने की ट्रेनिंग के बाद एक कमांडो 2 पुरुषों पर भारी पड़ जाएगी. इतने गुर इन्हें सीखने को मिल जाएंगे.'

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