Lok Sabha Elections 2024: क्या अपने धुर विरोधी ओम बिरला को चुनाव में चित कर पाएंगे प्रहलाद गुंजल?
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Lok Sabha Elections 2024: क्या अपने धुर विरोधी ओम बिरला को चुनाव में चित कर पाएंगे प्रहलाद गुंजल?

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीते सोमवार को  कांग्रेस ने 6वीं लिस्ट जारी कर दी है. इसमें पार्टी ने प्रहलाद गुंजल पर बड़ा दांव खेला है. बता दें कि कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से प्रहलाद गुंजल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं.  प्रहलाद गुंजल का अब बीजेपी के ओम बिरला के खिलाफ मैदान में उतरेंगे. 

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Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी -कांग्रेस में तगड़ी जंग छिड़ी हुई है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीते सोमवार को  कांग्रेस ने 6वीं लिस्ट जारी कर दी है. इसमें पार्टी ने प्रहलाद गुंजल पर बड़ा दांव खेला है. बता दें कि कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से प्रहलाद गुंजल बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं.  प्रहलाद गुंजल का अब बीजेपी के ओम बिरला के खिलाफ मैदान में उतरेंगे. 

मीडिया खबरों के मुताबिक, एक ही पार्टी में रहते हुए ही दोनों की पहचान धुर-विरोधी के रूप में थी. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 कौन किसे पटकनी देगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा. जानकारी के मुताबिक, प्रहलाद गुंजल और ओम बिरला के बीच मनमुटाव 2005 के बाद कोटा डेयरी के चुनाव से शुरू हुआ था. दोनों भले ही एक ही पार्टी में 18 साल साथ रहे लेकिन इनके बीच अदावत रही. कई बार दोनों के बीच वर्चस्व की भी लड़ाई देखी गई. 

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बता दें कि प्रहलाद गुंजल को हाड़ौती संभाग का बड़ा गुर्जर नेता माना जाता है. प्रहलाद गुंजल 2008 में रामगंज मंडी से विधायक रह चुके हैं. उसी समय  गुर्जर आंदोलन के दौरान प्रहलाद गुंजल की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया से खिटपिट हो गई थी. तब प्रहलाद गुंजल ने राजे के खिलाफ कई बयान भी दिए थे. वसुंधरा राजे से हुए मनमुटाव के चलते ही रामगंजमंडी से विधायक प्रहलाद गुंजल ने पार्टी छोड़ दी थी. इसके बाद गुंजल  2008 के चुनाव से पहले किरोड़ी लाल मीणा के साथ PA संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी से जुड़ गए थे. परिसीमन के कारण रामगंजमंडी सीट भी आरक्षित हो गई. फिर  प्रहलाद गुंजल ने एनपीपी से ही हिंडौली से चुनाव लड़ा, जिसमें वह हार गे थे.

कांग्रेस में धारीवाल के प्रतिद्वंद्वी रह चुके हैं गुंजल 
इसके बाद साल 2013 के चुनाव के पहले प्रहलाद गुंजल और राजे के बीच अनबन खत्म हो गई और वह राजे के करीबी नेताओं की लिस्ट में शुमार हो गए थे.  इसके बाद प्रहलाद गुंजल को कांग्रेस के धुरंधर नेता धारीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में 2013 कोटा उत्तर से उतारा गया. इसमें धारीवाल को करारी शिकस्त दी. प्रहलाद गुंजल को हमेशा से ही धारीवाल का कड़ा प्रतिद्वंद्वी माना गया है.

पढ़ाई-लिखाई
प्रहलाद गुंजल मूल रूप से कोटा शहर के पास बंधा धर्मपुरा गांव के निवासी हैं. वह लॉ ग्रेजुएट हैं. इनकी शुरुआती पढ़ाई कोटा के मल्टीपरपज स्कूल से हुई. साल 1989 से 1991 के बीच इन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. गुंजल गवर्नमेंट कॉलेज के प्रेसिडेंट भी बने. फिर भारतीय जनता युवा मोर्चा ज्वाइन कर लिया. अलग-अलग पदों पर रहते हुए जिला अध्यक्ष और संभाग प्रभारी भी बने. 2003 से 2008 तक प्रहलाद गुंजलरामगंजमंडी से विधायक चुने गए थे. वहीं, कोटा उत्तर से 2013 से 2018 के बीच विधायक रहे हैं.

दिखी हाड़ौती कांग्रेस संगठन की एकता
हाल ही में जब गुंजल ने कांग्रेस ज्वाइन की तो उनकी ज्वाइनिंग अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने करवाई. इस दौरान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे पर शांति धारीवाल नहीं दिखाई दिए.

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