श्रमिक अपनी जान जोखम में डालकर काम करता हैं और दुर्घटना होने पर ठेकेदार और खान मलिक दोनों ही जिम्मेदारी से दूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर रेंज की खानों में दुर्घटना पर श्रमिकों को दिया जाने वाला मुआवजा एक समान होना चाहिए. मोतीलाल शर्मा ने कहा कि मजदूरों को संगठित होना होगा.
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Nagaur: इस बैठक में दुर्घटनाओं में श्रमिकों की मौत होने पर मुआवजे, वेतमान, साप्ताहिक अवकाश सहित कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक को संबोधित करते हुए कोमरेट नारायणराम डूडी ने कहा कि किसी दुर्घटना में मजदूर की मौत होने पर उचित व एक समान मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि ज्यादातर खानों पर ठेकेदार ठेका लेकर श्रमिकों से कार्य करवाते हैं. ऐसे में ठेकेदार और खान मलिक के बीच दुर्घटना को लेकर करार होना चाहिए.
ठेकेदार श्रमिकों से अवैध और असुरक्षित खनन करवाते हैं
श्रमिक अपनी जान जोखम में डालकर काम करता हैं और दुर्घटना होने पर ठेकेदार और खान मलिक दोनों ही जिम्मेदारी से दूर हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि हर रेंज की खानों में दुर्घटना पर श्रमिकों को दिया जाने वाला मुआवजा एक समान होना चाहिए. मोतीलाल शर्मा ने कहा कि मजदूरों को संगठित होना होगा. उन्होंने कहा कि कई बार थोड़े से लालच में ठेकेदार श्रमिकों से अवैध और असुरक्षित खनन करवाते हैं जो दुर्घटना होने पर गायब हो जाते हैं. सीआईटीयू के महामंत्री और कोमरेट हरेंद्र सिंह ने कहा कि श्रमिकों को उनके सभी अधिकार मिलने चाहिए.
दुर्घटना होने पर मुआवजा, इलाज और सही मानदेय श्रमिकों का हक हैं
दुर्घटना होने पर मुआवजा, इलाज और सही मानदेय श्रमिकों का हक हैं. सीआईटीयू के महामंत्री जीएस राणा ने कहा कि मकराना मार्बल विश्व विख्यात है. इतनी गहराई में काम करने वाले श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी एक साधारण लेबर से भी कम हैं. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उचित मानदेय मिलना चाहिए. बैठक में मजदूर यूनियन बनाकर रजिस्ट्रेशन करवाने, सभी श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश देने, न्यूनतम मजदूरी एक हजार रुपए प्रतिदिन करने, ग्रुप बीमा करवाने, कार्य करने का समय तय करने, खान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने, भविष्य निधि की व्यवस्था, अवैध खनन नहीं करने, फेक्ट्री एक्ट लागू करने, बोनस देने एवं 50 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिक को 10 हजार रुपए पेंशन देने की मांग करते हुए अन्य मांगों पर विचार किया गया.
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इस दौरान रेखाराम घोटिया, अजित सिंह, गोपालराम मुवाल, हनुमान बेनीवाल बाड़मेर, अब्दुल अजीज सहित अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इस दौरान मार्बल खनन क्षेत्र की सभी रेंज में काम करने वाले, मार्बल फेक्ट्री, मार्बल खंडा सहित मार्बल कार्य से जुड़े श्रमिक मौजूद थे.
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