Nagaur: मकराना में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग तेज, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
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Nagaur: मकराना में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग तेज, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Nagaur: नागौर मकराना में श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के तत्वावधान में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम मकराना उपखंड अधिकारी जेपी बेरवा को उपखंड कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा है.

 

Nagaur: मकराना में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग तेज, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

Nagaur: मकराना में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की मांग तेज हो गई है. ज्ञापन में अवगत करवाया गया है कि आर्थिक पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की पात्रता हेतु आय के साथ संपत्ति की शर्तों को भी शामिल किया गया है.

पूरे देश मे एक नियम की बजाय राज्यों द्वारा तय नियमों से बने प्रमाण पत्र को केंद्र में भी मान्यता दी जाए, जिससे अलग अलग प्रमाण न बनाने पड़े व शर्ते भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हो.

साथ ही केंद्र में अधिकतम आयु सीमा, न्यूनतम अहर्ताक, फीस आदि में अन्य वर्गों को मिले आरक्षण की तरह छूट दी जाए. प्रमाणपत्र की वैधता एक वर्ष की अपेक्षा तीन वर्ष की जाए, केंद्र में भी ये लागू हो जिससे आर्थिक रूप से कमजोर को इस आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके. इसी के साथ ही इसमें आय की इकाई परिवार को माना गया है और परिवार में माता पिता, पति, पत्नी, अविवाहित भाई, बहन सबकी आय सम्मिलित है.

इससे प्रक्रियागत परेशानी होती है व आय की गणना की प्रक्रिया जटिल हो जाती है. विवाहित महिला के लिए यह और अधिक कठीन हो जाता है क्योंकि उसके ससुराल व पीहर दोनों पक्षो की आय को मानने का प्रावधान है जिससे दोनों स्थानों के प्रशासनिक कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते हैं. आय की गणना अन्य क्रिमीलेयर आरक्षण की तरह केवल माता पिता की आय से की जाए.

साथ ही इस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, छात्रवृत्ति आदि की सुविधा दी जाए व राष्ट्रीय आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया जाए. जिससे इस वर्ग के हितों का न्यायपूर्ण संरक्षण हो सके.

इसके अलावा मुख्यमंत्री से ज्ञापन के माध्यम से यह मांग की गई कि राजस्थान विधानसभा में 16 जुलाई 2008 व 23 सितंबर 2015 को सर्वसम्मति से अनारक्षित वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित किया गया था जबकि वर्तमान में 10 प्रतिशत ही दिया गया है.

साथ ही यह आरक्षण केवल सरकारी नौकरी व शिक्षा में ही दिया गया. जबकि अन्य सभी आरक्षण पंचायती राज व अन्य स्थानीय स्वायत्तशासी संस्था चुनावो में भी लागू है। अनारक्षित वर्ग के आर्थिक पिछड़ा वर्ग का स्थानीय राजनिति में प्रतिनिधित्व निरन्तर घटता जा रहा है.पंचायती राज संस्थाओं, नगर निकायों व अन्य सभी स्वायत्तशासी संस्थाओं में लागू कर अनुग्रहित करने का आग्रह किया गया. ताकि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को स्थानीय राजनीति में समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिल सके.

इस मौके पर शिवराज सिंह आसरवा, बजरंग सिंह मण्डोवरी, सरपंच संघ अध्यक्ष मकराना दिलीप सिंह गेलासर, भाजपा जिला उपाध्यक्ष नारायण सिंह मिण्डकिया, कांग्रेस ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान, सरपंच प्रतिनिधि भवानी सिंह नावद, रविन्द्र सिंह दताऊ, विष्णु सिंह मकराना, विरेन्द्र सिंह आसरवा, कान सिंह मकराना, दुर्गा सिंह गुणावती, आशीष माहेश्वरी, मेघराज सिंह शेखावत आदि मौजूद थे.

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