समलैंगिक संबंध बनाने के लिए एप पर ढूंढते लोग फिर अश्लील वीडियो बनाकर वसूली
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समलैंगिक संबंध बनाने के लिए एप पर ढूंढते लोग फिर अश्लील वीडियो बनाकर वसूली

राजस्थान के नागौर के डीडवाना के परबतसर में एक युवक के अपहरण और अप्राकृतिक कृत्य करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है जिसके बाद हुई जांच से पुलिस की आंखें भी फटी की फटी रह गयी.

समलैंगिक संबंध बनाने के लिए एप पर ढूंढते लोग फिर अश्लील वीडियो बनाकर वसूली

Parbatsar News, Nagaur : राजस्थान के नागौर के परबतसर थाना क्षेत्र के मामडोली गांव में मंगलवार को एक युवक का अपहरण कर उसके साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के वाले गिरोह का परबतसर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. थानाधिकारी सुभाष चंद्र पूनिया ने बताया कि पीड़ित युवक ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दी थी जिसके बाद संदिग्धों से पूछताछ की गयी.

शक के आधार पर परबतसर थाने के हिस्ट्रीशीटर रेखा राम से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने वारदात में शरीक होना कबूल करते हुए बताया कि उसने अपने साथ मनोज धर्माराम, सुरेश और धर्मेश्वर के साथ मिलकर मंगलवार को पीड़ित को एक ऐप के जरिए चैटिंग कर धोखे से गांव के बाहर बुलाया और उसे डरा धमकाकर गाड़ी में डालकर अपहरण कर लिया. 

पुलिस को पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वो लोग पीड़ित को थोड़ी दूर सुनसान जगह पर ले गये और फिर गाड़ी में पीड़ित के कपड़े उतरवाकर उसके आपत्तिजनक वीडियो बनवाये गये. इन वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़ित से ₹50000 की मांग की गई.

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जब पीड़ित ने अपने एक परिचित से फोन पे एप पर रुपए डलवाए तब जाकर पीड़ित को वहीं छोड़कर आरोपी फरार हो गये. थाना अधिकारी सुभाषचंद्र पूनिया ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि ये लोग एक एप अपने फोन में डाउनलोड कर रखते हैं . जिसके जरिए चैटिंग कर लोगों को जाल में फंसाते हैं.

जयपुर में फैला है गैंग का नेटवर्क
बातचीत के दौरान पहले वीडियो कॉल कर एक दूसरे को देख कर कुकृत्य करने के एवज में कुछ रकम तय कर ली जाती है और फिर बात में गैंग के सरगना रेखा राम एप के जरिए पीड़ित को फंसा कर वसूली करता है. रेखा राम का मुख्य कार्यक्षेत्र जयपुर शहर ही है, जहां पर उसने कई लोगों के साथ इस प्रकार की वारदात कर चुका है और बदनामी के डर से लोग रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते हैं. 

कैसे काम करता था गैंग 
थानाधिकारी सुभाष पुनिया ने बताया कि एक एप के जरिए आरोपी अपने आस पास के इलाके में समलैंगिक संबंध बनाने वाले लोगों को ढूंढते थे और फिर एप में दोनों की पहचान नहीं होती थी. सामने वाला व्यक्ति आरोपियो को रुपये देकर बुलाता है और समलैंगिक संबंध बनाता था जिसके आरोपियों को रुपये मिलते थे. आरोपियो ने ये एप नागौर जेल में रहते हुए डाउनलोड किया था.

रिपोर्टर- हनुमान तंवर 

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