Travel Story: बिलकुल शांत वातावरण, शुद्ध हवा, चारों तरफ रेत ही रेत, बीचों-बीच झील, आस-पास खेजड़ी के पेड़ और झौपड़े दिल के झरोखे सी यह खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज जगह है. ये राजस्थान का सबसे अनूठा गांव 'खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज' है. ये राजस्थान का सबसे अनूठा गांव है. 'खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज', तस्वीरों से इसकी पूरी कहानी जानिए.
बिलकुल शांत वातावरण, शुद्ध हवा, चारों तरफ रेत ही रेत, बीचों-बीच झील, आस-पास खेजड़ी के पेड़ और झौपड़े दिल के झरोखे सी यह खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज जगह है. ये राजस्थान का सबसे अनूठा गांव 'खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज' है. ये राजस्थान का सबसे अनूठा गांव है. 'खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज', तस्वीरों से इसकी पूरी कहानी जानिए.
खींवसर फोर्ट गांवनुमा एक रिज़ॉर्ट है, इसका पूरा नाम वेलकम होटल खींवसर फोर्ट एंड ड्यून्स है. जो राजस्थान के नागौर के खींवसर में स्थित है. जोधपुर बसाने वाले महाराजा राव जोधा के 8वें बेटे मुगलों से चौथा युद्ध लड़ने के लिए खींवसर आए थे. तब खींवसर व नागौर इलाके जोधपुर राजा के ही अधीन थे, उस समय 1523 में खींवसर फोर्ट का निर्माण करवाया गया था.
साल 1979 में गजेंद्र सिंह खींवसर ने फोर्ट को लग्जरी होटल में बदल दिया. तब इस फोर्ट में 7-8 कमरे ही थे, जो अब बढ़कर 71 हो चुके हैं. फोर्ट को होटल बनाने के निर्माण के दौरान के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ नहीं की गई. गांव खींवसर में ही फोर्ट से 6 किलोमीटर दूर आंकला गांव की तरफ राजस्थान का थार मरुस्थल शुरू होता है. ऐसे में यहां पर मिट्टी के बड़े बड़े टीले हैं, जो करीब 300 से 400 फीट ऊंचे हैं. ऐसे में यहां पर पर्यटकों के लिए सैंड ड्यून्स विलेज बसाया गया है.
सैंड ड्यून्स विलेज में मिट्टी के टीले, पेड़ और यहां की आबो-हवा प्राकृतिक है. साल 2002 सैंड ड्यून्स विलेज बसाते समय टीलों और खेजड़ी के पेड़ों को मूलरूप में ही रखा है. यहां पर बीचों-बीच झील बनाई गई. जिसे नलकूप के पानी से भरा जाता है. साथ ही अलावा यहां पर खजूर के पेड़ लगाए गए हैं. करीब 20 साल पहले सैंड ड्यून्स विलेज खींवसर की शुरुआत छह कमरों से की थी.
यहां के कमरों की खास बात ये है कि ये बाहर से झोपड़ेनुमा दिखाई देते है लेकिन अंदर से लग्जरी हैं. शुरुआत में खींवसर सैंड ड्यून्स विलेज में सिर्फ 6 कमरे ही बनाए गए थे. उनमें टीवी, फोन व इंटरनेट आदि की सुविधा नहीं दी। ऐसे में शांत वातारण होने के कारण उनमें लेखक, साहित्यकार और प्रकृतिप्रेमी आकर ठहरने लगे थे।
धीरे-धीरे खींवसर के इस अनूठे गांव की पहचान बनती गई और पर्यटकों की संख्या बढ़ती गई. लोग यहां आकर लालटेन की रोशन में ग्रामीण माहौल में भोजन करने, कैमल व जीप सफारी और रातों को खुले आसमां में तारे देखने के लिए आने लगे.
सैंड ड्यून्स खींवसर में पर्यटकों की दिलचस्पी बढ़ने के कारण इसमें झोपड़ेनुमा कमरों की संख्या बढ़ाकर 18 की गई. साथ ही उन कमरों में टीवी, इंटरनेट, फोन व एसी की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई. सैंड ड्यून्स विलेज 55 से 60 एकड़ में फैला है. इसका संचालन आईटीसी ग्रुप द्वारा किया जा रहा है.
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