Nagaur: सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की इलाज नहीं मिलने से मौत, ग्रामीणों ने जताया रोष
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Nagaur: सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की इलाज नहीं मिलने से मौत, ग्रामीणों ने जताया रोष

नागौर में लचर चिकित्सा व्यवस्था के चलते सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई.

घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई.

Nagaur: नागौर में लचर चिकित्सा व्यवस्था के चलते सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई. चिकित्सक की डिग्री प्राप्त करते वक्त मानव जीवन बचाने की शपथ लेने वाले डॉक्टर का ऐसा चरित्र सामने आया जिसमें मानवता को शर्मसार करते हुए चिकित्सा धर्म पर सवालिया निशान लगा दिया. सच कहें तो एक बार फिर मेड़ता रोड को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने का दंश झेलना पड़ा. 

मेड़ता रोड के फौजी चौराहे पर एक कैंपर द्वारा कार को पीछे से टक्कर मारने पर हुए एक भीषण सड़क हादसे में कार की पीछे की सीट पर बैठे रियांश्यामदास निवासी रामलाल गुर्जर के सिर पर चोट लगने से वह घायल हो गए. कार चालक विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता दिलीप फिड़ौदा ने गायक रामलाल को चिकित्सालय पहुंचाया जहां कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं मिला. 

वहीं, घटना की सूचना मिलते ही जनप्रतिनिधि मेघराज झोटवाल व उपसरपंच मनीष शर्मा चिकित्सालय पहुंच डॉक्टर को घटना की जानकारी दी. डॉक्टर द्वारा यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि मैं बाहर हूं. जबकि डेढ़ घंटे बाद चिकित्सक बड़े ही आराम से चिकित्सालय पहुंचे. तब तक घायल व्यक्ति ने दम तोड़ दिया. 

मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से गुस्साए लोगों ने चिकित्सा स्टाफ को खरी-खोटी सुनाते हुए विरोध प्रदर्शन भी किया. बड़ी विडंबना की बात है कि नागौर जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के चिकित्सालय में मानव जीवन की कीमत समझने वाला कोई नहीं है.

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चिकित्सक का यह कहना कि यदि मैं होता तो क्या कर लेता जले पर नमक छिड़कने जैसा लगता है. प्राथमिक उपचार हर मनुष्य का मौलिक अधिकार है . चिकित्सक द्वारा आज मौलिक अधिकारों का हनन कर एक घायल को मौत के मुंह में धकेल दिया गया.

रिपोर्ट: दामोदर इनानीया

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