Janmashtami 2024: राजस्थान के गोविंददेव मंदिर में हवाई गर्जना के बीच कान्हा का जन्म होगा. जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी मंदिर में 3150 कार्यकर्ता सेवाएं देंगे. राजभोग आरती से लेकर शाम तक ऐसी रहेंगी वयवस्थाएं.
गोविंददेव मंदिर में 31 हवाई गर्जना के बीच कान्हा जन्मेंगे. बैंडवादन की स्वर लहरियों के बीच श्रीकृष्ण का जन्म होगा. 935 किलो पंचामृत से ठाकुर श्रीजी का जन्माभिषेक होगा.
ठाकुरजी राजस्थानी गोटा पत्ती की पोशाक धारण करेंगे. पोशाक में ठाकुर श्रीजी के बाल गोपाल स्वरूप के दर्शन होंगे. जन्माष्टमी पर गोविंददेवजी मंदिर में 3150 कार्यकर्ता सेवाएं देंगे. सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जाएगी. पुलिस के अधिकारी मौजूद रहेंगे. भक्तों की दर्शनों के लिए एंट्री जलेबी चौक से तीन लाइन में होगी.
आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी झांकियों का समय. कल मंगला आरती सुबह 4.30 से 6.45 तक हुई. धूप आरती सुबह 7.30 से सुबह 9.30 तक होगी. शृंगार आरती सुबह 9.45 से सुबह 11.30 तक होगी.
राजभोग आरती सुबह 11.45 से 1.30 बजे तक होगी. ग्वाल आरती शाम 4 से 6.30 बजे तक होगी. संध्या आरती शाम 6.45 से 8.30 बजे तक होगी. शयन आरती रात 9.15 से 10.30 बजे तक, 27 अगस्त की मंगला आरती 26 अगस्त को रात 11 से 11.15 बजे तक होगी. रात 12 से 12.30 बजे तक तिथि पूजा और अभिषेक होगा.
आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में जन्माष्टमी महोत्सव आज मनाया जा रहा है. गोविंददेवजी मंदिर में पहली बार पास से दर्शन व्यवस्था में बदलाव किए गए हैं. दर्शन पास और जगमोहन पास से प्रवेश केवल शाम 7 बजे तक हो सकेगा.