Jaisalmer Vidhansabha Seat: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव है और पूरी तरह से तमाम पार्टिया चुनावी रण में उतर चुकी है वही जनता को अपने अपने तरीक़े से मुद्दों के साथ अब वादे करने का भी सिलसिला शुरू हो चुका है.
विश्व में पर्यटन के लिहाज से आपने आप में एक अलग ही पहचान बनाये स्वर्ण नगरी जैसलमेर स्थापना रावल जैसल ने 1156 ई. में की थी. जैसलमेर पीले पत्थर की एक पहाड़ी पर खड़ा है और इसे प्राचीन जैसलमेर किले को सुनार किला कहा जाता हे. इस किले में एक शाही महल और कई अलंकृत जैन शामिल हैं मंदिर, किले और नीचे के चारो और शहर बसा हे.
जैसलमेर में पिछले नगरपरिषद चुनाव में 45 वार्ड है. जैसलमेर क्षेत्र में राजपूत ,मुस्लिम, ओबीसी, दलित सभी जाती के लोग निवास करते है.
जहां तक जैसलमेर सिटी की बात की जाए तो पिछले कई चुनावी नतीजों के बाद साफ़ हो गया कि यहां पार्टी के बजाय व्यक्ति विशेष को ज्यादा महत्व दिया जाता रहा है तो वही पिछले 15 सालो में विधानसभा चुनाव में छोटूसिंह भाटी,सांगसिंह भाटी व रूपा राम धनदेव के बीच मुकाबला देखा गया है. राजनीतिक रूप से भी ये बहुत महत्वपूर्ण सीट है जहां जनरल की सीट पर कॉग्रेस के रूपाराम क़रीब 30 हजार वोटो से जीते.
आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेता जनता की नब्ज टटोलने में लग गए हैं हालाँकि ये क़यास लगाए जा रहे है की बार विधानसभा चुनाव में जैसलमेर विधानसभा से बड़े दिग्गज नेता एक बार फिर चुनावी मैदान में एक दूसरे के सामने आ सकते है . जैसलमेर में मूलभूत सुविधाओं जिसमें पानी बिजली, रोड के अलावा जैसलमेर जिला अस्पताल विकास कार्य / तीन साल बाद देरी से मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य हुआ शुरू ऐसे में कई ऐसी समस्याएँ है जो आने वाले चुनाव में बड़े मुद्दे बनकर सामने आ सकती है.